बाल आश्रम कार्यकर्ता धोलाराम पोसवाल ने बताया कि फूलाराम गुर्जर गांव के पास ही जंगल में अपने मवेशियों को चरा रहा था। अचानक पैंथर ने आकर बछड़ी पर हमला कर दिया। जिस पर फूलाराम के चिल्लाने पर अन्य चरवाहों, ग्रामीणों ने शोर कर पत्थर फेंककर, पैंथर से बछड़ी को छुड़वाया। हमले से बछड़ी घायल हो गई, जिसने शाम को दम तोड़ दिया।
पोसवाल ने बताया कि गांव में पिछले 15 दिनों से पैंथर पहाड़ी से उतर कर। गांव की आस पास जंगल में आवाजाही कर रहा है। जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। पिछले दिनों इसी जगदीश प्रसाद गुर्जर के बकरे को भी पैंथर ने गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। उमराव गुर्जर की गाय को भी बघेरे ने जख्मी कर दिया था। सप्ताह भर से गांव के पशुपालकों व ग्रामीणो में पैंथर को लेकर डर बना हुआ है।
घटना को लेकर ग्रामीणों ने दूरभाष पर वन विभाग के कर्मचारियों को अवगत करवाया तो मौके पर फॉरेस्टर जगदीश प्रसाद जाट ने पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को विश्वास दिलाया की जल्द ही पिंजरा लगाकर पैंथर को रेस्क्यू करवाया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीणों ने पिंजरा लगवा कर पैंथर को रेस्क्यू करवाने की मांग की। इस संबंध में बी ल वा डी वन विभाग रेंजर सुमेर सिंह ने बताया कि पैंथर ने जंगल में बछड़ी पर हमला किया है। वन कर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है।