जेल अधिकारी ने बताया कि जेल विभाग के उच्च अधिकारियों के पास हर माह बड़े स्तर पर बंदियों को अलवर सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के लिए पत्र लिखा जाता है लेकिन उसके बाद भी बंदियों को शिफ्ट करने की समय पर मंजूरी नहीं मिलती है। इसके कारण लगातार जेल में बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
बहरोड़ जेल में वर्तमान में हरियाणा की कौशल गैंग सहित जैनपुरबास की जसराम गैंग सहित अन्य हार्डकोर अपराधी बंद है। जिनमें अन्दर गैंगवार का खतरा बना रहता है। बहरोड़ जेल में पूर्व में कई बार कैदियों के बीच गैंगवार व आपसी विवाद को लेकर लड़ाई झगड़ा हो चुका है।लेकिन उसके बाद भी यहां पर तय क्षमता से अधिक बंदियों को रखा जा रहा है।
बहरोड़ जेल में वर्तमान में 45 पुरुष व 5 महिला बंदियों के लिए बैरक बनी हुई है। लेकिन जिस तरह से लगातार यहां पर बंदियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, उसके अनुसार यहां पर एक बड़ी जेल की जरूरत है लेकिन अभी तक जेल विभाग इसको लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है।
बहरोड़ जेल में बहरोड़, नीमराणा, शाहजहांपुर, मांढ़ण, बानसूर व हरसौरा पुलिस विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किए जाने वाले आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर बहरोड़ जेल में दाखिल करवाती है। जिनमे अधिकतर बंदी विभिन्न गैंग से जुड़े हुए है।
जेल की क्षमता कम है। नए जेल मैनुअल के अनुसार तो बेहद कम है। 500 बंदी रखने की क्षमता वाली नई जेल के लिए 50 बीघा जमीन आवंटन करने की मांग को लेकर जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। अभी मौजूद व्यवस्थाओं से काम चलाया जा रहा है, जबकी जेल में कई खतरनाक गैंग बंदी है।
–कालूराम मीणा, प्रभारी उप कारागृह बहरोड़