मुलायम (Young Social Activist Mulayam Singh) ने बताया कि उनका बचपन गरीबी में बीता। परिवार में माता-पिता और सात भाई बहन थे, ऐसे में सभी की जरूरतों को पूरा करना काफी मुश्किल था। मैं छोटी क्लास के बच्चों को पढ़ा कर अपनी स्कूल फीस भरता था। जब मेरे माता पिता ने देखा कि मैं पढ़ाई में अच्छा कर रहा हूं तो सभी ने मेरी पढ़ाई पर ध्यान लगाया और मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की व वित्तीय परामर्श से जुड़ी सेवाएं देने लगा। व्यवसाय के साथ मैंने सामाजिक कार्यों की ओर रुझान बढ़ाया।
उन्होंने बताया कि व्यवसाय अच्छा चलने के बाद जब मुझे धन से जुड़ी समस्या नहीं रही तो लोगों को मदद करने के लिए उन्होंने सामाजिक रूचि को बढ़ावा दिया। कई लोगों को आर्थिक मदद, अन्नदान, गरीब घर के बच्चों की फीस भरना, उनको शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करना, ठंड के दिनों में उन्होंने फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को कंबल बांटे, निशुल्क वृक्षों का वितरण किया। ऐसे सामाजिक कार्य के दौरान एक राजनीतिक पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद भी हासिल किया। मुलायम सिंह (Mulayam Singh) व्यक्ति की बहुत मदद करने में विश्वास करते हैं और “नेता नहीं बेटा” शब्दों में विश्वास करते हैं। वह जनता के जीवन की बेहतरी के लिए जनता की सेवा करना चाहते है। पिछले सात वर्षों से, वह जन कल्याण की सेवा के लिए कई गैर सरकारी संगठनों से जुड़े हुए हैं।