जिला पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह मीना ने बताया कि बाड़मेर शहर के शास्त्री नगर के रहने वाले स्वरुपसिंह (12), विक्रमसिंह (7) तथा 5 साल की कोमल कंवर मंगलवार सुबह अपने घर से कोचिंग के लिए निकले और सुबह 11.30 के बाद वापस अपने घर नहीं पहुंचने पर बच्चों के परिजनों ने संभावित स्थानों पर तलाश की और जानकारी नहीं मिलने पर दोपहर में परिजनों ने पुलिस थाना कोतवाली पर रिपोर्ट पेश की। मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पुलिस की विभिन्न टीमें बनाकर सरगर्मी से तलाश करते हुए सोशल मीडिया पर अपील जारी की गई।
जोधपुर रेलवे स्टेशन पर आए नजर
पुलिस ने अभय कमांड से संभावित रास्तों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इस बीच बच्चों की ओर से सुबह करीब 7.30 से 8 बजे के बीच में स्टेशन के पास शभुराम नाम के व्यक्ति से रेलवे स्टेशन के बारे में पूछने की जानकारी सामने आई। टीमों ने रेलवे पुलिस से समन्वय स्थापित कर सभी सभावित ट्रेनों, स्टेशन तथा ट्रेन की लाइव लोकेशन का विश्लेषण करने पर पाया गया कि दोपहर 12.30 बजे उक्त बच्चे रेलवे प्लेटफॉर्म जोधपुर पर अकेले घूमते दिखे हैं। परिजनों से पता किा तो जानकारी मिली कि तीनों में सबसे बड़ा बच्चे का घर नागौर जिले में है। इसके चलते तीनों के नागौर जाने की संभावना को देखते हुए तुरन्त जीआरपी नागौर से सपर्क किया गया। जीआरपी नागौर ने तलाशी में तीनों को रेलवे स्टेशन से दस्तयाब कर लिया। बच्चों के सुरक्षित मिलने पर परिजनों को सूचना दी गई।
पढ़ाई के लिए भेजा बाड़मेर, नहीं लगा मन
पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि बालक स्वरूपसिंह नागौर का रहने वाला है। उसकी बहन का ससुराल शास्त्री नगर बाड़मेर में होने से काफी बार ट्रेन में नागौर से बाड़मेर आता जाता रहता था। वर्तमान में परिजनों ने स्वरूपसिंह का बाड़मेर स्थित विद्यालय में दाखिला करवाया दिया, लेकिन उसका मन बाड़मेर में नहीं लगने से अपने दोनों भानजे और भानजी के साथ कोचिंग के बहाने घर वालों को बिना बताए ट्रेन से नागौर रवाना हो गया था।