एक लम्बी प्रतीक्षा के बाद और पूर्व सांसद कैलाश चौधरी की पैरवी के चलते इसी वर्ष 1 मार्च को बाड़मेर मुनाबाव रेल के दो फेरे 3 माह के लिए शुरू किए गए। तब अप्रेल में लोकसभा चुनाव के कारण इसे 3 महीने के लिए सरकार का लोलीपॉप समझा गया और ट्रेन फिर से बंद होना बताया गया। इस बीच 30 मई को समय सीमा पूरे होने के बाद ने डीआरएम जोधपुर से बात की तो उन्होंने यात्रीभार के आधार पर आगे चलना बताया। पत्रिका ने मार्च से मई तीन माह ट्रेन के अच्छे यात्रीभार और कमाई को दर्शाते हुए समाचार प्रकाशित किए, लेकिन तब मात्र एक माह जून (30 दिन) तक फेरे बढ़ाए गए। इससे एक बार फिर ट्रेन बंद होने की चिंता ग्रामीणों को होने लगी, लेकिन निरंतर यात्री भार बढ़ने और ट्रेन का समय अनुकूल होने के चलते ट्रेन के फेरे छह महीने के लिए और बढ़ाए गए हैं।
स्थायी हो ट्रेन का संचालन
ग्रामीणों ने बाड़मेर-मुनाबाव ट्रेन का संचालन स्थायी तौर पर करने की मांग की है। जीवराजसिंह सोढ़ा, पूर्व सरपंच रमेशचंद्र चांडक, दशरथ बालाच, हीरालाल महेश्वरी, पूर्व प्रधान तेजाराम कोडेचा, गोविंदराम चौहान, पीराराम बालाच, छगन महेश्वरी, मगदान रतनू, चमन भूतड़ा, कर्मचंद खत्री, पिंटूसिंह, ताराराम, गेनाराम सहित कई ग्रामीणों ने ट्रेन के फेरे पर बढ़ने पर खुशी जताई।