हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कार्मिकों के लिए प्रत्येक सरकारी कागजात पर हस्ताक्षर देवनागरी में हिंदी भाषा में करने होंगे। प्रतिदिन की उपस्थिति के साथ अन्य प्रमाण-पत्र सहित कोई भी सरकारी कागजात पर हस्ताक्षर हिंदी में होने पर ही उन्हें प्रमाणित माना जाएगा।
यह है आदेश
बाड़मेर सीएमएचओ डॉ. सीएस गजराज की ओर से जारी आदेश में जिला स्वास्थ्य भवन व अधिनस्थ चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को माह जनवरी 2024 से उपस्थिति पंजिका में अपने हस्ताक्षर हिंदी में करना सुनिश्चित करने का कहा गया है। अन्य किसी भी भाषा में हस्ताक्षर राजकीय कागजात पर मान्य नहीं किए जाएंगे। सीएमएचओ की ओर से जारी निर्देश शासन सचिव शिक्षा व भाषा विभाग राजस्थान सरकार की ओर से 1966 में हिंदीकरण नीति के तहत जारी आदेश के अनुसरण में दिए है।
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पहले ही दिन आई दिक्कत
उपस्थिति पंजिका व सरकारी कागजात और प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकांश कर्मचारी व अधिकारी अंग्रेजी में हस्ताक्षर करते है। लम्बे समय से अंग्रेजी में हस्ताक्षर करना कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है। अब एक जनवरी को पहले ही दिन कई कार्मिक जब हस्ताक्षर करने लगे तो कईयों ने अंग्रेजी में कर दिए। हालांकि बाद में नियम याद आने पर फिर से हिंदी में किए। कार्मिकों का मानना है कि हिंदी में हस्ताक्षर करने की आदत नहीं है। इसे व्यवहार में लाने में कुछ समय जरूर लगेगा