पाकिस्तान में बदला जा रहा है धर्म
पाकिस्तान में अब केवल 2 प्रतिशत से भी कम हिन्दू बचे हैं। अल्पसंख्यक में हिन्दू, ईसाई और सिख हैं। इन पर अत्याचार बहुत बढ़ गया है। मानवाधिकार की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में पाकिस्तान में 112 अत्याचार के मामले सामने आए हैं, जबकि एक अन्य रिपोर्ट में वर्ष 2018 से 2024 के बीच में 5000 के करीब हिन्दू युवतियों के अपहरण व जबरन निकाह की घटनाएं बताई गई हैं। धर्मांतरण का दबाव बढ़ने का नतीजा है कि अब हिन्दू केवल 2 फीसदी ही रहे हैं।इधर मिल रही है नागरिकता
जानकारी अनुसार एक लाख से अधिक पाक विस्थापित परिवार 1947 के बाद में भारत आ चुके हैं। 66000 के करीब 1947 में आए थे। 1965 और 1971 के भारत पाक युद्ध के बाद 33000 के करीब आए। इसके बाद भी लगातार पाक विस्थापित भारत आए। वीजा पर आने के बाद यहीं रहे। भारत यहां इनको लगातार सात साल की अवधि तक भारत में रहने के बाद भारतीय नागरिकता दी जा रही है। ये यहां आराम से जिंदगी बसर कर रहे हैं।भारत में बेहद सकून है। हमारी पूरी शरणार्थी बस्ती यहां बसी हुई है। हम 1971 में आ गए थे। सारे परिवारों को नागरिकता मिल गई है। अब यहां सकून से रहते हैं। कोई चिंता नहीं है। उधर, पाकिस्तान में हमारे रिश्तेदार हैं। वो परेशान रहते हैं। उन्हें आज भी चिंता है कि पता नहीं कल क्या होगा।
- घनश्याम दास माली, पाक विस्थापित
हमारा परिवार पाकिस्तान से बड़ी मुश्किल से निकलकर आया। वहां परिवार के एक सदस्य की हत्या कर दी गई। कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। हम लोगों ने अपने घर में यह माहौल देखा। इसके बाद भारत आ गए। यहां रिश्तेदारों के यहां रहे। अब हमें नागरिकता मिल गई है। भारत के संविधान को हम नमन करते हैं।
- विजयकुमार, पाक विस्थापित
पाकिस्तान जाकर बसने का कहिए तो एक भी व्यक्ति नहीं जाना चाहता है। पाकिस्तान में एक दिन के लिए भी थार एक्सप्रेस का मार्ग खोलकर कह दिया जाए कि भारत चले जाओ तो सच मानिए, अधिकांश हिन्दू-मुसलमान यहां बसने आ जाएंगे। यहां लोकतांत्रिक जीवन है और वहां अब संकटमय हो गया है।
- डॉ. बाबूदान चारण, अध्यक्ष ढाटपारकर सोसायटी