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यों चला है घटनाक्रम
– 22 अप्रेल की रात विष्णु कॉलोनी में पुलिस दल ने दबिश देकर एनकाउंटर को अंजाम दिया। उस दौरान बताया कि कमलेश ने पुलिस पर वाहन चढ़ाने का प्रयास किया तो हुइ मुठभेड़ में मारा गया। लेकिन कमलेश ने कोई फायरिंग नहीं की गई थी। उसी दिन से पचपदरा विधायक मदन प्रजापत एनकाउंटर को फजीज़् बताते हुए विरोध दजज़् करवाया और सीबीआई से जांच करवाने की मांग पर अड़ गए।
– एनकाउंटर के दो दिन घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उसके बाद यह मामला लगातार विवादों में रहा। साथ ही पोस्टमार्टम, सीसीटीवी फुटेज व पुलिस की ओर से दजज़् एफआइआर में भिन्नता सामने आई।
– इसके बाद लगातार भाजपा व कांग्रेस नेताओं की ओर से मामले को लेकर बयान बाजी चलती रही। साथ ही मृतक कमलेश के परिजन हाईकोट भी गए। सीबीआई जांच की स्वीकृति से पहले लंबा विवाद चलता रहा।
– परिजनों व विधायक की मांग की मांग पर 1 जून को गहलोत सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंषा भेज दी गई। उसके बाद केन्द्र सरकार की स्वीकृति पर 7 जुलाई को सीबीआई ने एफआइआर दजज़् कर जांच शुरू की।
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कांग्रेस विधायक ने किया नेतृत्व
कांग्रेस के पचपदरा के विधायक मदन प्रजापत इस मामले मेे समाज के साथ खडेु हुए। सीबीआइ जांच की मांग के साथ वे आरोप लगा चुके है कि यह हत्या है, एनकाउंटर नहीं।
राजनीतिक
भाजपा से केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत सहित कई लोग केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर कर आए थे सीबीआइ जांच की मांग।
सीबीआई जांच कर रही है, जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मैंने भी निष्पक्ष व सीबीआई जांच के लिए कहा था। अब इनकी क्या मंशा है, यह मुझे जानकारी में नहीं है। आरोप निराधार है। जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। – हरीश चौधरी, राजस्व मंत्री, राजस्थान सरकार