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बाड़मेर

बाड़मेरी बाजरा की उम्मीद आधी, बाकी फसलों की आशा अधरझूल में

– थार के किसानों को बारिश ने दिया दगा
– बुवाई आधी, खडी फसलें हो रही खराब
– खाली तालाब से पशुपालक चिंतित

बाड़मेरAug 09, 2021 / 01:00 am

Dilip dave

बाड़मेरी बाजरा की उम्मीद आधी, बाकी फसलों की आशा अधरझूल में

बाड़मेरी बाजरा की उम्मीद आधी, बाकी फसलों की आशा अधरझूल में

बाड़मेर. जेठ और आषाढ़ में बारिश का इंतजार थार के किसानों के लिए भारी साबित हुआ है। बाजरा की बम्पर बुवाई पर तो कुठाराघात हुआ ही अब बोई फसलों पर भी बारिश की बेरुखी भारी पड़ रही है। जिस पर फसलों का उत्पादन काफी कम होने की आशंका है। यहां का देसी बाजरा तो अब कम पकने की उम्मीद है।
हालांकि मूंंग-मोठ और तिल अभी भी होने की आस है पर किसान अब यह मान रहे हैं कि ग्वार की बुवाई ही वर्तमान परिस्थिति में बारिश होने पर अनुकू ल रहेगी। इधर, नाडी-तालाब खाली होने से पशुपालक चिंतित है कि पशुओं के लिए पानी का प्रबंध कैसे होगा?सीमावर्ती जिले बाड़मेर में किसान लम्बे समय से बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अमूमन यहां ज्येष्ठ-आषाढ़, सावन व भाद्रपद चार माह में आठ-दस बारिश होती है।
ज्येष्ठ में बारिश होने पर हर बार अच्छा जमाना होने की उम्मीद रहती है। एेेसे में किसान ज्येष्ठ माह से ही बारिश का इंतजार करने लगते हैं। इस बार बारिश ने धरतीपुत्रों को इंतजार ज्यादा करवाया है। ज्येष्ठ व आषाढ़ में तो बारिश हुई ही नहीं अब आधा सावन बीत गया लेकिन इन्द्रदेव मेहरबान नहीं हुए हैं। इस पर फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है तो तालाब-नाडियों में भी पानी की आवक का इंतजार है। बाजरा की बुवाई का समय बीता- बाजरा की बुवाई का समय १५ जुलाई तक माना जाता है। जिले के अधिकांश भूभाग में बारिश नहीं होने से बाजरा की बुवाई ८ लाख ३५ हैक्टेयर के मुकाबले साढ़े २ लाख ४५ हैक्टेयर में ही हुई है। अब समय बीत गया है जिस पर किसान बाजरा की बुवाई में कम ही रुचि लेंगे। इस पर बाड़मेरी बाजरा की उपज इस बार काफी कम होगी।
ग्वार की बुवाई पर रहेगा जोर- आगामी चार-पांच दिन में बारिश होती है तो किसानों का ध्यान ग्वार की बुवाई पर ही रहेगा। क्योंकि ग्वार की फसल को दो-तीन पानी की ही जरूरत रहती है। एेसे में सावन-भाद्रपद में बारिश होती है तो ग्वार पैदा हो सकता है। इसलिए किसान अब ग्वार की बुवाई पर ध्यान देंगे। तिल, मूंग व मोठ की बुवाई भी अभी हो सकती है।
पशुपालकों की चिंता बढ़ी- बारिश की कमी से सबसे ज्यादा चिंतित पशुपालक है। दूर-दराज की ढाणियों व गांवों में बैठे पशुपालकों के लिए पानी का प्रबंध वैसे भी मुश्किल होता है और अब बारिश नहीं हुई है तो नाडी-तालाब भी खाली है, इसलिए पशुधन के लिए पानी का प्रबंध करना दिक्कत भरा रहेगा। गौरतलब है कि जिले में करीब ५४ लाख १६ हजार पशु है जो चारे व पानी के लिए बारिश पर ही निर्भर है।
सामान्य से काफी कम बारिश- जिले में अब तक बारिश का आंकड़ा सामान्य से काफी कम है। अब तक जिले में ७९ मिलीमीटर बारिश ही हुई है। जो सामान्य से ४३.३ एमएम कम है। खास बात यह है कि पड़ोसी जिले जैसलमेर में इन्द्र मेहरबान हुए लेकिन थार में मेह नहीं बरस रहा है।
जल्द बारिश होने पर ही उम्मीद- अभी तब पर्याप्त बारिश नहीं होने से फसलों की बुवाई तक नहीं हुई है।

चार-पांच दिन में बारिश होती है तो फिर भी कुछ उम्मीद रहेगी। बारिश होने से चारे व पानी की समस्या का समाधान होगा।- जबरसिंह, तिलवाड़ा
बारिश का इंतजर- बारिश का लम्बे समय से इंतजार कर रहे हैं। बारिश के अभाव में बोई गई फसलें भी खराब हो रही है। आगामी कुछ दिन में बारिश नहीं होती है तो फिर किसानों में निराशा छा जाएगी।- खुदाबक्स खलीफा, खलीफे की बावड़ी
बाजरा की बुवाई प्रभावित- बाजरा की बुवाई का श्रेष्ठ समय १५ जुलाई तक होता है। एेसे में अब बाजरा की बुवाई चारे के उपयोग के रूप में हो सकती है। बारिश होने पर अन्य फसलों की बुवाई होने की उम्मीद जरूर है, लेकिन बारिश में देरी होने से बुवाई प्रभावित हुई है। अभी भी चार-पांच में बरिश आती है तो पचास फीसदी बुवाई की उम्मीद रहेगी। – डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी

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