दरअसल, ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल की पत्नी को टिकट मिलने पर तंज कसते हुए कहा कि ये परिवारवाद पर बोला करते थे, लेकिन पहले बाई, फिर भाई और अब लुगाई को मैदान में उतारा है। लुगाई को टिकट देकर इस बार जहर का घूंट नारायण जी को पिला दिया है।
ज्योति मिर्धा ने इस तरह साधा निशाना
नामांकन सभा में उन्होंने कहा कि, “कल सभी कार्यकर्ता और रेवंतराम जी मेरे घर पर बैठे थे, तब तक इनका कैंडिडेट अनाउंस नहीं हुआ था। सभी कयास लगा रहे थे कि नेताजी ने कल भाषण दिया है कि जहर का घूंट पीना पड़ सकता है। हमने भी सोचा इस बार तो कार्यकर्ता को टिकट मिल जाएगा। उतनी देर में कनिका जी का नाम आया। जैसे ही नाम आया लोगों ने कहा कि ये तो जहर का घूंट पीना पड़ रहा है, फिर मैंने कहा कि ये जहर का घूंट तो नारायण जी को पिलाया है।”
आगे ज्योति मिर्धा ने कहा कि, “नाम घोषित होने के बाद कनिका जी प्रेस से बातचीत करने हुए कह रही थी कि मैं महिला सशक्तिकरण के लिए काम करूंगी। हमने कहा कि शुरुआत घर से करो। हमारे नेता ने बोलने में किसी भी महिला को नहीं छोड़ा। पहले वसुंधरा जी, स्वर्गीय किरण माहेश्वरी जी और दिव्या मदेरणा जी हो, चाहे ज्योति मिर्धा हो। वैसे हम तो रोज सुनती हूं। पहले तो बोलचाल सुधारनी पड़ेगी। हालांकि अब उनकी भाषा में सुधार भी आया है।”
बेनीवाल पर तंज कसते हुए बीजेपी नेता ने अंत में कहा कि कहा कि अपना चुनाव मानकर लड़ो, ऐसा मौका अब दोबारा नहीं आना है। बकरी इस बार फांटे में आई हुई, जहर का घूंट पीकर बैठी है। इस बार पीछे मत रहना, रंग बदलने वाले गिरगिट को जनता और पार्टियां पहचान चुकी हैं।
बेनीवाल के की साख दांव पर
बता दें, खींवसर विधानसभा सीट पर भाजपा ने रेवंतराम डांगा को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने रतन चौधरी को मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात ये है कि आरएलपी ने इस सीट पर बड़ा दांव खेलते हुए हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को टिकट दिया। इस सीट पर इस बार बिना गठबंधन मुकाबला होने जा रहा है। ऐसे में यह मुकाबला हनुमान बेनीवाल के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है, क्योंकि इस बार साख दांव पर लगी हुई है।
7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी। बताते चलें कि राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन की आज लास्ट डेट है। प्रत्याशी 30 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकते हैं। जबकि 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, इसके बाद 23 नवंबर को रिजल्ट की घोषणा होगी।