मुझे आंख दिखाने की जरूरत नहीं लम्बी बहस के बाद अधिशासी अभियंता ने कहा कि वे पांच सौ किमी दूर से यहां नौकरी करने आए हैं। ऐसे में उन्हें आंख दिखाने की जरूरत नहीं है। जिला प्रमुख की तरफ मुखातिब होकर बोले कि ऐसे तो यहां लोग मुझे मार देंगे क्या? आप कुछ नहीं बोले। इस पर विकास अधिकारी ने मामले में हस्तक्षेप कर कहा कि काम नहीं हो रहा तो सरकार को लिखकर दे दो, लेकिन बैठक में इस तरह का व्यवहार करना गलत है।
यूं गरमाया मामला – उप प्रधान ने महाबार में पेयजल संकट का मुद्दा उठाया। इस पर अधिकारी जबाव देने की बजाय जनप्रतिनिधि को टरकाने लगा। प्रधान ने अधिकारी से जबाव पूछा और कहा यह जनप्रतिनिधि है, इनकी समस्या सुनो और समाधान निकालो। फिर बहस शुरू हो गई।
– अधिशासी अभियंता ने कहा कि अवैध पाइप लाइन के बीच अवैध कनेक्शन ज्यादा हो गए हैं इसलिए पानी नहीं पहुंच रहा है। इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई। काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
– प्रधान ने कहा कि अवैध कनेक्शन काटना किसका काम है? इस पर अभियंता ने कहा कि अवैध कनेक्शन काटना समाधान नहीं है। वापस जुड़ जाते हैं। इस पर प्रधान गुस्से में आ गई। उसने कहा कि यहां पर भाषण देने की जरूरत नहीं है। हमें समस्याओं का समाधान चाहिए।
– जिला परिषद सदस्य नरसिंग कड़वासरा ने चुटकी लेते हुए कहा कि आपसे अवैध कनेक्शन नहीं हट रहे हैं तो कौन हटाएगा। अवैध कनेक्शन नहीं हट रहे हैं तो आप कुर्सी छोड़ दो। बाद में हम हटा देंगे।
– पंचायत समिति के सदस्य ने आरोप लगाया है कि अवैध कनेक्शन जलदाय विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से जुड़ते हैं। इस पर अधिकारी ने कहां कर्मचारी का नाम बताओ। – पिछली बैठक की समीक्षा में जीएलआर मरम्मत कार्य का मुद्दा उठा। इस पर अभियंता नए होद निर्माण की बात करने लगा। इस पर हंगामा हो गया और गुस्साए बीजेपी नेता ने अभियंता का हाथ पकड़ कर बाहर का रास्ता दिखने को कहा।
जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं बैठक में हुए हंगामे के बाद जिला प्रमुख प्रियंका मेगवाल ने भी अधिकारियों के इस तरह के व्यवहार पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी जनता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
महज औपचारिक बनी बैठक पंचायत समिति की बैठक बुधवार में पेजयल, सड़क, पशु- शिविर सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी। लेेकिन हंगामें के चलते महज औपचारिकता बन कर रह गई। पत्रिका व्यू : ऐसा तमाशा ठीक नहीं
बाड़मेर पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में बुधवार को जो भी हुआ, उसे किसी भाषा में ठीक नहीं कहा जा सकता। जनता की मांग व समस्याओं को उचित मंच तक पहुंचाकर समस्याओं का निदान करने की जिम्मेदारी जनता ने जनप्रतिनिधियों को सौंपी। वहीं, अफसर तो जनता के सेवक हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधि व अफसर अपने-अपने कर्तव्य से विमुख होकर बैठक में तमाशा करेंगे तो जनता की सुनेगा कौन? उम्मीद है कि हाकिम इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेंगे। क्योंकि जब जिले के प्रभारी मंत्री ने ही सभी अफसरों को अवैध जल कनेक्शन हटाने के निर्देश दे दिए हैं तो फिर अधिकारी किस मुंह से कह रहे हैं कि वे अवैध कनेक्शन नहीं हटा पाएंगे। ऐसी ही उम्मीद जनप्रतिनिधियों से है कि वे बैठक में तमाशा करने की बजाय गरिमापूर्ण तरीके से जनता की बात रखेंगे तो निश्चित रूप से परिणाम सकारात्मक मिलेगा।