कैसे हुआ लेन-देन?
वामिक शमसी ने बताया कि उनका कार्यालय नैनीताल रोड पर किप्स एन्क्लेव में स्थित है, जहां से उनकी फर्म रेता, बजरी, पत्थर और सड़क निर्माण के अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करती है। 1 फरवरी 2023 को रमेश सिंह खुद उनके कार्यालय पहुंचे और बताया कि गोरखपुर के चकरा गांव स्थित उनकी फर्म, शाहजहांपुर के जैतीपुर और लखीमपुर खीरी के मितौली में सड़क निर्माण का कार्य कर रही है, जिसके लिए उन्हें निर्माण सामग्री चाहिए थी। शमसी ने बताया कि शुरुआत में रमेश सिंह ने बीच-बीच में कुछ भुगतान किया, जिससे विश्वास बन गया। लेकिन बाद में उन्होंने कुल 21 लाख 97 हजार 154 रुपये की राशि रोक ली। जब उनसे बार-बार भुगतान की बात की गई, तो उन्होंने शाहजहांपुर और पीलीभीत के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी संपर्क करवाया, परंतु फिर भी भुगतान नहीं किया। अंत में रमेश सिंह ने फोन उठाना भी बंद कर दिया, जिसके बाद वामिक शमसी ने एसएसपी से शिकायत की। इसके आधार पर थाना प्रेमनगर पुलिस ने रमेश सिंह और उनकी पत्नी शकुंतला देवी के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की।
विवादों में रही फर्म की पृष्ठभूमि
यह पहली बार नहीं है जब शकुंतला इंटरप्राइजेज विवादों में आई हो। वर्ष 2023 में, इस फर्म ने फतेहगंज पूर्वी से नवादा मोड़ तक सड़क निर्माण का कार्य किया था। 4 अक्टूबर 2023 को वनखंडी पुलिया के पास करीब 350 मीटर सड़क को अज्ञात लोगों ने बुलडोजर से खोद दिया था। इसके बाद, शकुंतला इंटरप्राइजेज के मालिक रमेश सिंह और उनके इंजीनियर ने कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस के निजी प्रतिनिधि जगवीर सिंह सहित 14 लोगों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया। इस घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया, जिसके बाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जबकि जगवीर सिंह को कोर्ट से राहत मिल गई थी। इस नई शिकायत के साथ, शकुंतला इंटरप्राइजेज फिर से कानूनी विवादों में घिरती दिखाई दे रही है।