देश के लिए जान देने को तैयार दरगाह आला हज़रत पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां ) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी की सदारत में सुन्नी बरेलवी सूफ़ी विचार धारा रखने वाले आलिमो,मुफ्तियों, बुद्धजीवियों धर्मगुरुओ व मदरसा मंज़र ए इस्लाम के छात्रों ने दरगाह पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया l छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर दहशत गर्दी बंद करो, आतंकबाद मुर्दाबाद, हिंदुस्तानी सैनिको तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए l उलेमाओं ने कहा कि जिस तरह मुल्क़ ए हिदुस्तान की आजादी के लिए उलेमा और मदारिसे इस्लामिया ने अंग्रेज़ों से लोहा लिया ठीक उसी तरह हम अपने मुल्क़ की हिफाज़त के लिए आज भी तैयार है l मुल्क़ की सरहद को जब भी हमारे लहू की ज़रूरत पड़ेगी हम इसके लिए हमेशा तैयार है l
हम सैनिकों के साथ इस मौक़े पर दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां ने गम और गुस्से का इज़हार करते हुए कहा कि पुलवामा में हमारे सैनिकों के साथ जो दर्दनाक हादसा हुआ है उसने पूरे मुल्क़ को हिलाकर रख दिया है l हर हिंदुस्तानी के इस वक़्त आँख नम है l हम देशहित में लहू बहाने वाले इन बहादुर सैनिकों के परिवार वालो के साथ है। मदरसा मंज़र ए इस्लाम के प्रधानाचार्य मुफ़्ती अकिल रज़वी ने कहा कि मुल्क़ को आज खून खराबा करने वाले संगठनों से मुक्त कराने के लिए एक सामूहिक अभियान चलाने की जरुरत है l मदरसा शिक्षक मास्टर कमाल ने हुकूमत से सख्त कदम उठाने की मांग की l
ये रहें मौजूद इस मौक़े पर मुफ़्ती कफील, मुफ़्ती अय्यूब, कारी रिज़वान, कारी अब्दुल हकीम, मौलाना शाकिर अली, मौलाना तय्यब, मौलाना अख्तर, मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम, ज़ुबैर रज़ा खान, हाजी जावेद खान, नासिर कुरैशी, अबरार उल हक़, मास्टर इरफ़ान, तारिक़ सईद, शाहिद नूरी, परवेज नूरी, औरंगज़ेब नूरी, अजमल नूरी, आलेनबी, ताहिर अल्वी, मुजाहिद बेग, सय्यद माजिद, यमीन नूरी, मंज़ूर खान आदि लोग मौजूद रहेl