गरीबों और शोषितों के लिए समर्पित था कर्पूरी ठाकुर का जीवन
मुख्य अतिथि हीरा ठाकुर ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अपना संपूर्ण जीवन जनता, गरीबों, शोषितों और समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया बल्कि देश में सामाजिक न्याय और समरसता स्थापित करने के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके प्रयासों से पिछड़े वर्गों को समानता का अधिकार मिला।
केंद्र सरकार को नहीं देना चाहिए क्रेडिट लेने का मौका: धर्मेंद्र कश्यप
मुख्य वक्ता धर्मेंद्र कश्यप ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर भारत रत्न का क्रेडिट लेने का आरोप लगा रही हैं, उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल में कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न के योग्य थे और उन्हें यह सम्मान देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी फैसला था। इस निर्णय से ओबीसी, अति पिछड़ा और दलित समाज में खुशी की लहर है। धर्मेंद्र कश्यप ने कहा, “आज ओबीसी समाज के लिए गर्व का दिन है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर उनकी विरासत को सम्मान दिया है।”
ओबीसी आरक्षण के लिए निभाई थी अहम भूमिका
धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को ओबीसी, दलित और पिछड़े समाज के मसीहा के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में ओबीसी समाज को 27% आरक्षण देने का साहसिक फैसला लिया था। यह वही आरक्षण है जिससे आज लाखों पिछड़े समाज के लोग सशक्त हुए हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, “आज कांग्रेस, जेडीयू और राजद जैसी पार्टियां इस मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं, लेकिन जब इनकी सरकारें सत्ता में थीं, तब इन्होंने कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान देने की जरूरत क्यों नहीं समझी? नरेंद्र मोदी सरकार ने उनके योगदान को पहचाना और उन्हें भारत रत्न दिलाया, जिससे अब विपक्षी दलों में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है।”
कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी राहुल कश्यप, डॉ. वरदानी प्रजापति, शिव मंगल राठौर, राकेश कश्यप, डॉ. विनोद पागवानी, सुनील कश्यप, पूरन लाल, रामप्रकाश ठाकुर, सोवरन साहू, अनिल श्रीवास्तव, देवेंद्र साहू, वेद प्रकाश कश्यप सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।