ऋतुराज पाटिल ने बताया कि पूरे 30 लाख रुपये लेने के बावजूद सचिन अग्रवाल ने दुकान का बैनामा नहीं कराया। आज कल कहकर टालते रहे। 28 सितंबर को मनोज वर्मा के सामने सचिन अग्रवाल ने अनिल पाटिल के पक्ष में इकरार नामा किया। फर्नीचर सहित दुकान देने की बात तय हुई। यह भी शर्त रखी गई कि दुकान का बैनामा जब तक नहीं होगा, सचिन अग्रवाल दुकान नहीं खोलेंगे। आरोपियों ने अनिल पाटिल को मौखिक कब्जा दे दिया। चार अक्टूबर को जब बैनामा करने को कहा तो आरोपियों ने मना कर दिया। कहा कि इकरारनामा के ऐसे कागज हम रोज लिखते हैं।
ऋतुराज ने थाना किला पुलिस में फरीदपुर साहूकारा के सचिन अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, किला में साहूकारा की रहने वाली राशि सिंघल, गुंजन अग्रवाल पत्नी सचिन, नाविका अग्रवाल पुत्री सचिन अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी, रुपये हड़पने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि कई बार कहने के बावजूद उन्होंने दुकान की रजिस्ट्री नहीं कराई। झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। कहा कि तुम्हारे परिवार को मरवा देंगे। जिस पर अनिल पाटिल ने कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया। कोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश जारी कर निषेधाज्ञा लागू कर दी। इसके बावजूद आरोपियों ने दुकान के ताले तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया।