मरीजों को किया जा रहा होम आईसोलेट
मामले की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र व राज्य की दो सदस्यीय टीम जिसमें एनसीडीसी नई दिल्ली से ऐपिडेमिक इन्टेलीजेंस सर्विस (ईआईएस) अधिकारी डॉ. आम्या वजे और स्टेट ऐपिडिमियोलॉजिस्ट आईडीएसपी डॉ. दीपा मीणा के साथ जिले के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. राजेन्द्र मीणा एवं आईडीएसपी के ऐपिडेमियोलॉजिस्ट दिनेश साहु की संयुक्त टीम मांगरोल में लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। टीम की ओर से रोग के नियंत्रण को लेकर दैनिक सर्वेलांस कर आवश्यक उपचार व दवाईयां देकर रोगियों को होम आईसोलेट किया जा रहा है।
ओपीडी में ली मरीजों से जानकारी
टीम ने राजकीय उपजिला चिकित्सालय मांगरोल का दौरा भी किया तथा अस्पताल के पीएमओ डॉ. उमेश विजय से मिलकर अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे मम्प्स के संधिग्ध मरीजों के बारे में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कस्बे में बुधवार को भी 4 नए मरीज चिन्हित किए गए है। वैसे अभी तक किसी भी मरीज को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। मरीजों को एहतियात के तौर पर घर पर ही आईसोलशन में रखा जा रहा है। इसे भारत सरकार के पोर्टल पर आउटब्रेक के रूप में दर्ज भी किया गया है।
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संक्रमण से फैल रहा रोग, यह बरते सावधानी
चिकित्सा सूत्रों का कहना है कि मम्प्स एक संक्रामक बीमारी है। आम बोल चाल में इसे गलसुआ रोग भी कहा जाता है। यह पैरामिक्सो नामक वायरस के कारण होता है। यह वायरस नाक के स्राव और सलाइवा के माध्यम से फैलता है। असल में हवा में थूक के कण छींक, नाक और गले से निकलने वाले संक्रामक एयरड्रोपलेट्स की वजह से एक से दूसरे व्यक्ति में इन्फेक्शन होने से फैलता है। एहतिया ते तोर पर मास्क लगाने, हाथो को सेनेटाईज करने, खांसते, छींकते समय मुंह पर रूमाल रखने ओर गुनगना पानी पीने की सलाह दी जा रही है।
सर्वेलांस टीम घर-घर सर्वे कर रही है। सर्वे में मिलने वाले मरीजों को उपचार एवं दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है। रोग के विषाणु पर नियंत्रण को लेकर मरीजों को होम आईसोलेशन में रहने के लिए पाबंद किया जा रहा है। अब तक लिए गए सभी 14 सेम्पल को जांच के लिए एसएमएस जयपुर स्थित माईक्रोबायोलॉजी लैब भेजे गए है।-डॉ. सम्पतराज नागर, सीएमएचओ, बारां