मकानों की गुणवत्ता पर कुछ नहीं बोले
एनपीसीआईएल के कार्यकारी निदेशक एसबी जोशी ने विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर बताया कि भू अवाप्ति अधिकारी ने मुआवजे से जिन 128 विस्थापित परिवारों से राशि की कटौती की, उनके लिए हरियापाड़ा में मकान बनाए गए हैं। बाकी जिम्मेदारी प्रशासन की है। मकानों की गुणवत्ता की बात टालते हुए साइज को लेकर उन्होंने कहा कि नियमानुसार इंदिरा आवास या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 300 वर्गफीट के मकान ही बनाए जाते हैं, एनपीसीआईएल ने तो 350 वर्गफीट के बनाए हैं। यह भी पढ़ें – 1 अगस्त से राजस्थान में लागू होगी बिजली की नई दरें, फिक्स चार्ज बढ़ाया, आदेश जारी जिसने पत्र भेजा वही बता सकता है
एनपीसीआईएल की ओर से डेरी के पेट्रोल पंप को लेकर प्रशासन को शिकायत और 16 किलोमीटर के दायरे को लेकर भी कार्यकारी निदेशक एसबी जोशी यह कहकर टाल गए कि जिसने पत्र भेजा वही इस बारे में बता सकता है। इस दौरान मुख्य अभियंता सिविल अजय बांगड़ और थर्मल पावर कार्पोरेशन के डीजीएम श्वेतलकुमार श्रीमाली भी मौजूद थे।