अलर्ट नोटिस जारी
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद विभाग ने इन दवाओं को गंभीर अवमानक घोषित कर समूचे प्रदेश में अलर्ट नोटिस जारी कर दिया है। गौरतलब है कि दिसंबर माह के दूसरे पखवाड़े में राजकीय विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में 6 दवाओं की जांच की गई, जिसमें इन टेबलेट्स में मुख्य साल्ट ही नहीं पाए गए।इन दवाओं की हुई जांच
एमोक्सिसिलिन और पोटैशियम क्लेव्यूनेट: एक एंटीबायोटिक दवा है, जो बैक्टीरियल संक्रमण में काम आती है। इससे आमतौर पर श्वसन पथ, मूत्रपथ एवं अन्य कई संक्रमण में काम में लिया जाता है। दो कंपनियों के द्वारा साल्ट से बनाई गई दवा की जांच की गई।जांच रिपोर्ट में : एमोक्सिसिलिन निल, क्लैवुलैनिक एसिड निल मिला।
जांच रिपोर्ट में : मोंटेलुकास्ट निल मिला। प्रीगाबालिन कैप्सूल : एक एंटी-इपिलेप्टिक और एंटी-न्यूरोपैथिक दर्द दवा है। जो विभिन्न प्रकार के दर्द और मिर्गी से संबंधित लक्षणों के इलाज में काम आती है।
जांच रिपोर्ट में: प्रीगाबालिन निल मिला और गैबापेंटिन 308.60 एमजी/ कैप्सूल मिला।
जांच रिपोर्ट में: सेफपोडोक्साइम निल पाया गया। पैंटोप्राजोल सोडियम गैस्ट्रो रेसिस्टेंट और डोमपेरिडोन : एक संयुक्त दवा है जो पाचन तंत्र से संबंधित विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग की जाती है।
जांच रिपोर्ट में: पैंटोप्राजोल निल और डोमपेरिडोन निल
12 महीने, 6 बार गंभीर अवमानक के नोटिस
इस वर्ष 2024 की बात करें तो 12 महीने में दवाओं के गंभीर अवमानक के 6 नोटिस जारी किए गए। इसमें जनवरी में 2, फरवरी में 2, मार्च और दिसंबर में एक-एक शामिल हैं।शीघ्र कार्रवाई के निर्देश
राजस्थान के समस्त सहायक औषधि नियंत्रक और औषधि नियंत्रयण अधिकारी को निर्देशित किया है कि उनके क्षेत्र में सतर्कता और निगरानी रखें। साथ ही प्रावधान के अनुरूप शीघ्र आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही उक्त निर्माता की अन्य औषधियों के नमूने भी नियमानुसार लेने के लिए निर्देशित किया गया है।बिक्री रोकने के निर्देश
जांच में कुछ दवाओं को गंभीर अवमानक माना गया है। आगे इनकी बिक्री न हो इसके लिए निर्देशित किया गया है। यदि इस बैच का स्टॉक मिलता है तो उसे दवा बनाने वाली कंपनी को वापस भेजा जाएगा।सुरेश समर, सहायक औषधि नियंत्रक, बांसवाड़ा