रवि गनीगा पहले भी इस तरह के आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने फिर एक बार दावा किया कि, भाजपा ऑपरेशन कमल चला रही है लेकिन, कांग्रेस विधायक उनके झांसे में नहीं आएंगे। भाजपा को सरकार गिराने और विधायकों को खरीदने के प्रयास छोड़ देने चाहिए। उन्होंने कहा कि, भाजपा के प्रयासों को साबित करने के लिए उनके पास दस्तावेज और सबूत हैं। उचित समय पर उसे मीडिया के सामने लाएंगे। उन्होंने कहा कि, भाजपा नेताओं पर एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं और उन्हें जेल जाने का डर सताने लगा है। इसलिए वे किसी भी तरह सरकार गठित करना चाहते हैं ताकि, सरकार बनाकर खुद को सुरक्षित कर सकें। इसके लिए वे पिछली सरकार से कमाए पैसे का उपयोग कर रहे हैं। उन्हें केंद्र से भी मदद मिल रही है। जद-एस भी इन प्रयासों में शामिल हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि, भाजपा करीब 50 विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है और 30 को मंत्री बनाने की आश्वासन दे रही है। चूंकि, विधायक 50 करोड़ रुपए के लालच में नहीं आ रहे हैं, इसलिए वे अब 100 करोड़ रुपए ऑफर कर रहे हैं। उन्हें 50 या 100 करोड़ रुपए की चिंता नहीं है, वे किसी तरह सरकार बनाना चाहते है। रवि ने आगे दावा किया कि ऑडियो और वीडियो दोनों तरह के दस्तावेज और सबूत उनके पास मौजूद हैं। किस एयरपोर्ट या होटल या गेस्ट हाउस में किसने किससे बात की, सब मौजूद है। जल्द से जल्द दस्तावेज जारी करने के बाद वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे और कार्रवाई का अनुरोध करेंगे। उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री के संज्ञान में ये चीजें ला दी हैं।
गनीगा के इन दावों पर गृह मंत्री डॉ जी.परमेश्वर ने कहा कि, सभी को मालूम है कि, अब करोड़ की कोई कीमत नहीं रह गई है। कोई भी राशि बताई जा सकती है। लेकिन, यह सच है कि, इस तरह के प्रयास हो रहे हैं और भाजपा इसके लिए जानी जाती है। उन्होंने कहा कि, भाजपा ऑपरेशन कमल में माहिर है। उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश में ऐसा किया है। वे राज्य में इस तरह की बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, राशि को लेकर विश्वास के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, अनुमान है कि 50 करोड़ रुपए की पेशकश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि, यह चल रहा है। भाजपा और जद-एस की ओर से आरोपों की जांच के लिए एसआइटी गठित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि, यदि आवश्यक हुआ तो ऐसा किया जाएगा। यदि, स्थिति पैदा होती है तो एसआइटी गठित होगी।
उधर, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कांग्रेस को चुनौती दी कि अगर उनके पास ऑडियो और वीडियो है तो उसे जारी करें। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ध्यान भटकाने के लिए ऐसी हरकते करती है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या मुडा मामले में घिरे हैं इसलिए इस तरह की बातें हो रही हैं। उन्हें दस्तावेज जारी करना चाहिए कि, किसने करोड़ों की पेशकश की है। केंद्र सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। दस्तावेज जारी करें। जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2023 के चुनावों में जनता ने कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश दिया है। भाजपा का रूख साफ है कि, एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में काम करना है। अपनी खामियों और विफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस बिना किसी दस्तावेज के ऐसे बेतुके आरोप लगा रही है।
कित्तूर के कांग्रेस विधायक बाबासाहेब पाटिल ने गनीगा के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि, यह बात तब की है जब राज्य में कांग्रेस सरकार का गठन हो रहा था। तब, उन्हें इस तरह का प्रस्ताव मिला था। भाजपा में उनके कई मित्र हैं। उन्होंने तब पार्टी में शामिल होने के लिए कहा था। लेकिन, वह मित्रता और सौहार्दपूर्ण संबंधों पर आधारित था। उन्हें कोई पैसे का ऑफर नहीं दिया गया। इस विषय पर तब उसी समय आखिरी बार चर्चा हुई थी। उसके बाद से किसी ने उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए नहीं कहा।
कागवाड़ के कांग्रेस विधायक व उत्तर-पश्चिम कर्नाटक सडक़ परिवहन निगम के अध्यक्ष राजू कागे ने भी इस तरह के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने इस तरह का कहीं से कोई भी प्रस्ताव मिलने से इनकार किया। राजू कागे ने कहा कि, उन्हें नहीं मालूम कि उनका नाम चर्चा में कहां से और क्यों आया है। मुख्यमंत्री ने किस संदर्भ में दलबदल की कोशिशों की बात कही है। मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं से इस मुद्दे पर बात करेंगे।