कनाडा में नेपियन के सांसद Chandra Arya मूल रूप से Karnataka के तुमकूरु जिला स्थित सिरा तालुक के द्वारालु गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कनाडा की संसद में कन्नड़ में भाषण दिया और अपने भाषण का विडियो Tweet भी किया। उन्होंने लिखा, ‘मैंने कनाडा की संसद में अपनी मातृभाषा कन्नड़ में बोला। यह खूबसूरत भाषा है जिसका लंबा इतिहास है और करीब पांच करोड़ लोग इस भाषा को बोलते हैं। यह पहली बार है जब भारत के बाहर दुनिया में किसी देश की संसद में कन्नड़ में भाषण दिया गया है।’
आर्य ने Parliament में दिए भाषण में कहा कि वे प्रसन्न हैं कि उन्हें कनाडा की संसद में कन्नड़ में बोलने का अवसर मिला। यह कन्नड़ भाषी लोगों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि कनाडा में रहने वाले कन्नड़ भाषियों ने वर्ष 2018 में कनाडा की संसद में कन्नड़ राज्योत्सव मनाया था।
राज्य के मुख्यमंत्री Basavraj Bommai ने कहा कि आर्य ने कन्नड़ भाषा का विश्व मंच पर प्रसार किया है। उन्होंने ट्वीट किया ‘चंद्र आर्य की दिल से प्रशंसा करता हूं जिन्होंने साबित किया कि वह जीवन में चाहे कितना भी बड़ा मुकाम क्यों न हासिल कर लें, अपनी जड़ों को हमेशा याद रखेंगे।’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष D K Shivakumar, उद्योग मंत्री Murugesh Nirani और उच्च शिक्षा मंत्री Dr C. N. Ashwathnarayan ने भी आर्य के इस कदम की प्रशांसा करते हुए आभार जताया है।
इसलिए भी चर्चा में आए : उल्लेखनीय है कि आर्य ने हाल में कनाडा के लोगों और सरकार से अपील की थी कि वे हिंदुओं के प्राचीन प्रतीक Swastik और 20 वीं सदी में नाजी प्रतीक हाकेनजर्श्ज के अंतर को समझें। दोनों प्रतीकों में कोई समानता नहीं है।