दरअसल, कू्र मॉड्यूल धरती की कक्षा में चक्कर लगाने वाला एक अंतरिक्षयान है। गगनयान मिशन के तहत भेजे जाने वाले अंतरिक्षयात्री इसी में रहेंगे। इसके लिए कू्र मॉड्यूल के अंदर धरती जैसा वातावरण सृजित किया जाएगा जो इंसानों के रहने योग्य होगा। इसकी आंतरिक संरचना दबावयुक्त धातु से तैयार होगी जबकि बाह्य संरचना दबावरहित लेकिन उष्मीय सुरक्षा प्रणाली से लैस होगी। यानी, धरती के वातावरण में प्रवेश करते समय घर्षण से उत्पन्न अत्यधिक ताप को सहन करने की क्षमता होगी। कू्र मॉड्यूल सर्विस मॉड्यूल से जुड़ा रहेगा जिसके जरिए पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्षयान का संचालन होगा। सर्विस मॉड्यूल एक दबावरहित संरचना है जिसमें थर्मल सिस्टम, प्रणोदन प्रणाली, बिजली प्रणाली, एवियोनिक्स सिस्टम और तैनाती तंत्र आदि शामिल हैं। अंतरिक्ष से वापसी के दौरान कू्र मॉड्यूल से सर्विस मॉड्यूल अलग हो जाएगा। सर्विस मॉड्यूल के अलग होने के बाद कू्र मॉड्यूल को प्रणोदन प्रणाली के जरिए पैराशूट की तैनाती होने तक नियंत्रित किया जाएगा।
इसरो ने कहा है कि गगनयान-1 मिशन मानव रेटेड लांच व्हीकल (एचएलवीएम-3) से लांच किया जाएगा। मिशन की तैयारियां एक साथ कई केंद्रों पर चल रही हैं। ठोस मोटर बूस्टर (एस-200) को कंट्रोल सिस्टम और एवियोनिक्स से जोड़ा जा रहा है। तरल चरण एल 110 और क्रायोजेनिक चरण सी-32 पहले ही श्रीहरिकोटा स्थित लांच परिसर में है। कू्र एस्केप सिस्टम की सभी प्रणालियां भी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंच गई हैं। बेंगलूरु स्थित प्रो.यूआर राव उपग्रह केंद्र में सर्विस मॉड्यूल का इंटीग्रेशन हो रहा है।