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बैंगलोर

मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में एक और अहम पड़ाव पार

गगनयान-1 कू्र मॉड्यूल के साथ प्रणोदन प्रणाली का इंटीग्रेशन पूरा
एलपीएससी रवाना किया गया कू्र मॉड्यूल

बैंगलोरJan 24, 2025 / 08:54 pm

Rajeev Mishra

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया है। इसरो ने बुधवार को कहा कि जल्द ही लांच किए जाने वाले बिना चालक दल वाले गगनयान-1 मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल के साथ प्रणोदन प्रणाली का इंटीग्रेशन पूरा कर लिया गया है।
कू्र मॉड्यूल के साथ तरल प्रणोदन प्रणाली का इंटीग्रेशन एलपीएससी में कर भेज दिया गया है। अब आगे का इंटीग्रेशन कार्य तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रमसाराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में पूरा किया जाएगा। वीएसएससी में कू्र मॉड्यूल के साथ एवियोनिक्स पैकेज और इलेक्ट्रिकल हार्नेसिंग आदि का इंटीग्रेशन होगा और जांच प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। उसके बाद कू्र मॉड्यूल को बेंगलूरु स्थित प्रोफेसर यूआर राव उपग्रह केंद्र भेजा जाएगा जहां कू्र मॉड्यूल के शेष इंटीग्रेशन और जांच कार्य पूरे होंगे। कू्र मॉड्यूल के प्रणोदन प्रणाली में बाई-प्रोपलेंट का प्रयोग किया गया है। इससे कू्र मॉड्यूल को तीन अक्षों से नियंत्रित किया जा सकेगा। कू्र मॉड्यूल में इंटीग्रेट किए गए प्रणोदन प्रणाली का उपयोग तब होगा जब अंतरिक्षयान धरती की कक्षा में चक्कर लगाने के बाद वापस लौटना शुरू करेगा। इस प्रणाली में 100 किलो न्यूटन वाले कुल 12 थ्रस्टर्स लगे हैं जो यान का नियंत्रित अवतरण सुनिश्चित करेंगे।
धरती जैसा वातावरण अंतरिक्ष में
दरअसल, कू्र मॉड्यूल धरती की कक्षा में चक्कर लगाने वाला एक अंतरिक्षयान है। गगनयान मिशन के तहत भेजे जाने वाले अंतरिक्षयात्री इसी में रहेंगे। इसके लिए कू्र मॉड्यूल के अंदर धरती जैसा वातावरण सृजित किया जाएगा जो इंसानों के रहने योग्य होगा। इसकी आंतरिक संरचना दबावयुक्त धातु से तैयार होगी जबकि बाह्य संरचना दबावरहित लेकिन उष्मीय सुरक्षा प्रणाली से लैस होगी। यानी, धरती के वातावरण में प्रवेश करते समय घर्षण से उत्पन्न अत्यधिक ताप को सहन करने की क्षमता होगी। कू्र मॉड्यूल सर्विस मॉड्यूल से जुड़ा रहेगा जिसके जरिए पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्षयान का संचालन होगा। सर्विस मॉड्यूल एक दबावरहित संरचना है जिसमें थर्मल सिस्टम, प्रणोदन प्रणाली, बिजली प्रणाली, एवियोनिक्स सिस्टम और तैनाती तंत्र आदि शामिल हैं। अंतरिक्ष से वापसी के दौरान कू्र मॉड्यूल से सर्विस मॉड्यूल अलग हो जाएगा। सर्विस मॉड्यूल के अलग होने के बाद कू्र मॉड्यूल को प्रणोदन प्रणाली के जरिए पैराशूट की तैनाती होने तक नियंत्रित किया जाएगा।
एचएलवीएम-3 से होगा लांच
इसरो ने कहा है कि गगनयान-1 मिशन मानव रेटेड लांच व्हीकल (एचएलवीएम-3) से लांच किया जाएगा। मिशन की तैयारियां एक साथ कई केंद्रों पर चल रही हैं। ठोस मोटर बूस्टर (एस-200) को कंट्रोल सिस्टम और एवियोनिक्स से जोड़ा जा रहा है। तरल चरण एल 110 और क्रायोजेनिक चरण सी-32 पहले ही श्रीहरिकोटा स्थित लांच परिसर में है। कू्र एस्केप सिस्टम की सभी प्रणालियां भी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंच गई हैं। बेंगलूरु स्थित प्रो.यूआर राव उपग्रह केंद्र में सर्विस मॉड्यूल का इंटीग्रेशन हो रहा है।

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