उन्होंने डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में बैठक करने के बाद पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, राज्य सरकार द्वारा विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आरक्षण तय करने के बाद हम चुनाव की घोषणा करेंगे। निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्सीमांकन के कारण जिला पंचायत और तालुक पंचायत के चुनाव में देरी हुई है।
उन्होंने कहा कि सभी दलों ने पिछले कई वर्षों से ईवीएम के खिलाफ आपत्ति जताई है। हमें ऐसी व्यवस्था और प्रक्रियाएं लागू करनी चाहिए जो कुशल और पारदर्शी हों और किसी को भी संदेह न हो। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम आदमी ईवीएम के इस्तेमाल सहित चुनाव से जुड़ी किसी भी चीज को लेकर कोई संदेह व्यक्त न करे। एसईसी को चुनाव कराने के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा, हम विचार-विमर्श के बाद इस पर विचार करेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव नीति पर गांवों सहित विभिन्न स्तरों पर गहन चर्चा के बाद लोकतांत्रिक तरीके से निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह एक या कुछ लोगों द्वारा तय किया जाने वाला मुद्दा नहीं है। इस पर हर गांव और कस्बे में चर्चा होनी चाहिए।