scriptउच्च न्यायालय का फैसला : जयललिता की जब्त संपत्ति उत्तराधिकारियों को लौटाने की याचिका खारिज | Karnataka High Court's decision dismisses Jayalalithaa's plea for return of confiscated property | Patrika News
बैंगलोर

उच्च न्यायालय का फैसला : जयललिता की जब्त संपत्ति उत्तराधिकारियों को लौटाने की याचिका खारिज

उच्च न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारियों की अपील खारिज कर दी, जिसमें 2004 में उनके खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले के संबंध में जब्त हुई संपत्तियां वापस करने की मांग की गई थी।

बैंगलोरJan 13, 2025 / 10:36 pm

Sanjay Kumar Kareer

Jayalalitha-high-court
बेंगलूरु. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के कानूनी उत्तराधिकारियों की अपील खारिज कर दी, जिसमें 2004 में उनके खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले के संबंध में जब्त हुई संपत्तियां वापस करने की मांग की गई थी।
न्यायाधीश वी श्रीशानंद ने जे. दीपक और जे. दीपा द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत द्वारा जारी जब्ती आदेश वैध है क्योंकि इसे सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है।
अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया कि निचली अदालत द्वारा जयललिता को दोषी ठहराए जाने के फैसले को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। बाद में दिसंबर 2016 में उनके निधन के बाद इसे समाप्त कर दिया गया था।
उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें दोषी नहीं माना जाए और जब्त की गई संपत्तियां उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को वापस कर दी जाएं। उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों द्वारा जब्त की गई कुछ संपत्तियां जांच अवधि से पहले की हैं और डीए मामले से जुड़ी नहीं हैं।अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने स्पष्ट रूप से ट्रायल कोर्ट के जब्ती आदेश को बरकरार रखा, जिसमें जयललिता के कानूनी प्रतिनिधियों सहित सभी संबंधित पक्षों द्वारा अनुपालन का निर्देश दिया गया।
न्यायाधीश श्रीशानंद ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 452 के तहत अपीलकर्ताओं के आवेदन को ट्रायल कोर्ट द्वारा खारिज करना अधिकार क्षेत्र के प्रश्न के बजाय गुण-दोष के आधार पर था। पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया, जिसने जब्ती को अंतिम और बाध्यकारी माना।अदालत ने कहा कि जांच अवधि से पहले अर्जित संपत्ति और जांच के दौरान जब्त की गई संपत्ति के बीच अंतर करने के लिए अपीलकर्ताओं द्वारा पर्याप्त सबूत नहीं दिए गए।कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट जब्त की गई संपत्तियों की उत्पत्ति के बारे में अपीलकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए किसी भी नए सबूत पर विचार करेगा।
मौखिक टिप्पणी में, न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि अपीलकर्ता वंचितों को लाभ पहुंचाने के लिए जयललिता के नाम पर एक धर्मार्थ फाउंडेशन स्थापित करें।

न्यायालय ने टिप्पणी की, गरीबों की सेवा करें; इससे न केवल आपको संतुष्टि मिलेगी, बल्कि इससे दिवंगत आत्मा को भी शांति मिलेगी।इसके साथ ही अदालत ने अपील को खारिज कर दिया क्योंकि इसमें कोई दम नहीं था तथा जब्ती आदेश को बरकरार रखा।
अपीलकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. एम. सत्य कुमार, उदय और एस. सतीश कुमार ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदेश जे. चौटा ने अधिवक्ता किरण एस. जावली की सहायता से पैरवी की।

Hindi News / Bangalore / उच्च न्यायालय का फैसला : जयललिता की जब्त संपत्ति उत्तराधिकारियों को लौटाने की याचिका खारिज

ट्रेंडिंग वीडियो