दरअसल, 27 नवंबर की रात पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक के घर संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। इस अग्निकांड में राकेश सिंह व उनके साथी पिंटू साहू की झुलस कर मौत हो गई थी। घटना के बाद से ही पत्रकार राकेश सिंह के परिजन हत्या की आशंका जता रहे थे। राकेश सिंह के पिता मुन्ना सिंह की तहरीर पर कोतवाली देहात पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। घटना का खुलासा के लिए पुलिस की चार टीमें हर पहलू पर जांच कर रही थी। 30 नवंबर को पुलिस ने दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए हत्या में शामिल तीन मुख्य आरोपी केशवानंद मिश्रा उर्फ रिंकू मिश्रा, अकरम अली व ललित मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
एसपी देव रंजन ने बताया कि पत्रकार राकेश सिंह एक निडर पत्रकार थे। राकेश सिंह और उनके साथी पिंटू साहू की धोखे से साजिश कर हत्या की गई है।उन्होंने बताया कि अभियुक्तों ने घटना को दुर्घटना में बदलने का प्रयास किया था जिससे किसी को हत्या किये जाने की आशंका न हो। एसपी देवरंजन ने बताया कि कुछ समय पहले पिंटू साहू ने एक ईऑन कार ललित मिश्रा को बेची थी। जिसके पूरे पैसे ललित ने पिंटू को नहीं दिया था।इसी बात को लेकर 27 नवंबर की रात पिंटू साहू और ललित मिश्रा का एक बीयर दुकान पर झगड़ा हुआ था। पिंटू साहू नशे में था जिसके बाद उसके एक दोस्त ने उसे घर के पास छोड़ दिया था। लेकिन पिंटू साहू घर न जाकर सीधे राकेश सिंह के घर चला गया। एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया झगड़ा होने के बाद ललित मिश्रा ने अकरम अली को फोन किया। अकरम अली अपराधिक प्रवृत्त का है। पूर्व में भी श्रावस्ती जिले के थाना इकोना में उस पर 302 का मुकदमा दर्ज है। अकरम आग लगाने में काफी माहिर है।
सोची समझी साजिश के तहत दिया गया घटना को अंजाम
पत्रकार राकेश सिंह ग्राम कलवारी के प्रधान द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहता था जिस कारण से प्रधान पुत्र से उसकी कहासुनी हुई थी। 27 नवंबर की रात प्रधान पुत्र रिंकू मिश्र अपने साथियों के साथ राकेश सिंह के घर पहुंचा और वहां सुलह समझौता के बात करते हुए राकेश सिंह व पिंटू साहू को शराब पिलाई। शराब के नशे में जब राकेश और पिंटू बेसुध हो गए। तब प्रधान पुत्र ने कॉल करके अकरम अली व ललित मिश्रा को बुलाया। अकरम अली आग लगाने में माहिर माना जाता है। उसने एल्कोहल बेस्ड सेनीटाइजर डालकर राकेश व पिंटू साहू को जला दिया। कमरे से कोई बाहर न जा पाए इसलिए अभियुक्तों ने बाहर से कमरा बंद कर ताला लगा दिया था। इस तरह पत्रकार व उसके साथी की हत्या भ्रस्टाचार को उजागर करने व पैसे के लेन देन में हुई। पूरे घटनाक्रम को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है।