Balrampur News:
बलरामपुर जिले के डीएवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक संजय तिवारी ने एक विज्ञप्ति जारी कर अध्यापक को बर्खास्त किए जाने की पुष्टि की है। प्रबंधक ने बताया कि 22 सितंबर को हुई बैठक के बाद सहायक अध्यापक अशोक कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया गया था। इनके खिलाफ लगे 15 आरोपो की जांच के लिए तीन सदस्य समिति गठित की गई थी। समिति ने सभी आरोपी की जांच कर 16 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिसमें सभी आरोपी की पुष्टि हुई। इसके बाद 27 अक्टूबर को प्रबंध समिति की बैठक में अध्यापक को जांच आख्या की प्रति देते हुए 5 नवंबर तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया गया था। अध्यापक ने 4 नवंबर 2024 को अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया। इसके बाद रविवार 10 नवंबर को प्रबंध समिति की बैठक हुई जिसमें अध्यापक अशोक कुमार तिवारी पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट तथा स्पष्टीकरण का अवलोकन करने के बाद पारित प्रस्ताव के तहत उनकी विद्यालय में सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित) विज्ञान विषय पद की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
इन आरोपों के चलते अध्यापक को किया बर्खास्त
कॉलेज के प्रबंधक ने आरोपों के विषय में बताया कि अशोक कुमार तिवारी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय बलरामपुर में 2 सितंबर 2024 को धरना प्रदर्शन किया। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय बलरामपुर पर धरना प्रदर्शन के दौरान विद्यालय के वरिष्ठ लिपिक सुधांशु दूबे व सहायक लिपिक रवि मिश्रा से अभद्रता की। वेतन बिल व वेतन रजिस्टर छीनने व फाड़ने का प्रयास किया। अशोक कुमार तिवारी ने बिना किसी पूर्व सूचना व अनुमति के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय बलरामपुर में 3 सितंबर 2024 को सुबह 9.30 बजे मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में घण्टों घुसने नही दिया। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई। उन्होंने कहा कि
बिना किसी स्वीकृत अवकाश के विद्यालय से अनुपस्थित पाये गये। 15 अगस्त 2024 कार्यक्रम के दौरान विद्यालय में छात्र छात्राओं को लाठी व प्रतिबन्धित धारदार हथियार बांटकर विद्यालय का शैक्षिक माहौल बिगाड़ने का काम किया। अध्यापक ने दो संस्थाओं से लिया वेतन
गोंडा जिले के विद्यालय में नियुक्ति तिथि 11 जुलाई 1991 के बाद भी अपने पूर्व विद्यालय सरस्वती शिशु मन्दिर बलरामपुर में शिक्षण कार्य किया। दोनों संस्थाओं से नियम विरूद्ध तरीके से 11 जुलाई 1991 से 30 सितम्बर 1991 तक का वेतन जानबूझकर दोनों संस्थाओं के साथ धोखा करते हुये कूटरचना करके प्राप्त किया। अशोक कुमार तिवारी ने शिक्षण कार्य में लापरवाही बरती अनुशासनहीनता कर्मचारी नियमावली और शिक्षक की गरिमा के विरुद्ध कार्य किया। लगातार विद्यालय विलम्ब से पहुंचते रहे। जिससे बच्चों का शिक्षण कार्य बाधित हुआ। तिवारी जनपद मुख्यालय छोड़ने का प्रार्थना पत्र दिये व अनुमति लिये बिना जनपद मुख्यालय से आये दिन बाहर जाते रहे। श्री तिवारी ने विद्यालय प्रबन्धक द्वारा जारी कारण बताओं नोटिस 12 अगस्त 2024, 27 अगस्त 2024, 04 सितंबर 2024, 18 सितंबर 2024 व जांच आख्या 16 अक्टूबर 2024 के सम्बन्ध में संतोष जनक जवाब नही दिया। अशोक तिवारी ने विद्यालय के दर्जनो छात्र छात्राओं का मोबाइल नम्बर नाम सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक व व्हाट्स अप पर बिना विद्यालय प्रशासन व छात्र छात्राओं व उनके अभिभावकों के अनुमति के पोस्ट किया। अशोक कुमार तिवारी के अनुपस्थित रहने के कारण बच्चों का विज्ञान विषय की कक्षाएं प्रभावित रहीं। इन्होंने शिक्षक नियमावली के विरूद्ध कार्य व आचरण किया एवं विद्यालय का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि इन्हीं आरोपों के चलते अशोक तिवारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है ।