बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सावित्रीपुर निवासी रामशरण अगरिया की पत्नी किसमतिया की अचानक तबियत बिगडऩे पर पति उसे इलाज के लिए प्राइवेट क्लीनिक संचालित करने वाले डॉक्टर विक्रंात गुप्ता के पास ले गया था। लेकिन यहां सही व उचित इलाज नहीं मिलने के कारण महिला की मौत हो गई थी।
मृतका के परिजन ने इस मामले में डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए वाड्रफनगर चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में एसडीओपी अनिल कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में मर्ग की जांच की गई। इसमें पाया गया कि पति द्वारा मृतका को ग्राम शिवरी के लोकल डॉक्टर विक्रांत गुप्ता के पास इलाज हेतु ले जाया गया था।
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महिला की स्थिति काफी खराब थी, इसके बावजूद मामूली प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टर विक्रांत गुप्ता ने पति से कहा कि अगर मेरे इलाज का 3 हजार रुपए नहीं दोगे तो पत्नी को बाहर उपचार के लिए नहीं ले जाने दूंगा। ऐसा कहकर उसने मृतका के पति रामशरण को रुपए लेने बाहर भेज दिया।
कुछ देर बाद डॉक्टर ने पति को फोन कर बताया कि तुम्हारी पत्नी की तबियत ’यादा बिगड़ गई है। इस पर रामशरण वापस क्लीनिक पहुंचा तो पत्नी की मौत हो चुकी थी।
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उचित इलाज के अभाव में मौतमहिला की मौत के बाद डॉक्टर गुमराह करने के लिए कार मंगवाकर उसे वाड्रफनगर अस्पताल लेकर गया, जबकि महिला ने क्लीनिक में ही दम तोड़ दिया था। जांच में पाया गया कि महिला को तत्काल उचित इलाज की जरूरत थी,
लेकिन डॉक्टर ने रुपए की खातिर उसे इलाज के लिए बाहर नहीं जाने दिया, इससे उसकी मौत हो गई। जांच के बाद पुलिस ने धारा 304 व 201 के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी डॉक्टर विक्रांत गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
कार्रवाई में थाना प्रभारी बसंतपुर आर पाटले, चौकी प्रभारी वाड्रफनगर विनोद पासवान, सउनि बालेश्वर महानंदी, प्रधान आरक्षक नरेश मिंज, प्रधान आरक्षक बृजमान सिंह व आरक्षक शिव पटेल सक्रिय रहे।