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बालाघाट

सोनेवानी में कैमरों से होगी बाघ की निगरानी

प्रयोग के तौर पर लगाए गए चार एआई कैमरे
जल्द बनेगा कंट्रोल रूम, वन विभाग ने बनाई कार्य योजना

बालाघाटJul 29, 2024 / 02:16 pm

mukesh yadav

प्रयोग के तौर पर लगाए गए चार एआई कैमरे

प्रयोग के तौर पर लगाए गए चार एआई कैमरे

बालाघाट. वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र सोनेवानी में अब बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियों की निगरानी कैमरों से होगी। वन विभाग ने प्रयोग के तौर पर चार एआई कैमरे लगाए गए है। कैमरे लगने के बाद यहां की रेंज में कंट्रोल रूम भी बनेगा। इसमें एआई कैमरा की आधुनिक तकनीक से जंगल पर नजर रहेगी। इसको लेकर वन विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली हैं। इसके साथ ही अपने वरिष्ठ कार्यालय को पर्यटन क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने प्रस्ताव बनाकर भेजा गया हैं।
पर्यटन प्रबंधक एमके यादव के अनुसार मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला के दिशा निदे्रशानुसार जिले में भी पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं। जुलाई से सितंबर माह तक टाइगर सफारी बंद होने से पर्यटन गतिविधियां कम हो जाती है। स्थानीय समुदाय, होटल संचालक एवं पर्यटन से जुड़े हितग्राही प्रभावित होते हंै। इसी तथ्य को देखते हुए वरिष्ठ स्तर से ही पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने बफर जोन में जंगल सफारी, नेचर वॉक, ट्री हाउस स्टे, विलेज टूर और स्टारगेजिंग सहित अन्य गतिविधियों की एक श्रृंखला शुरू की जा रही है। इसकी शुरुआत अभी पेंच नेशनल पार्क से की गई है। जिले में भी इस तरह की गतिविधियां हो इसको लेकर वरिष्ठों से सलाह ली जाएगी।
बढ़ रही बाघो की संख्या
दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के वन परिक्षेत्र लालबर्रा सामान्य में वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र सोनेवानी आता हैं। सरकारी गणना के अनुसार जंगल क्षेत्र में 49 बाघ, तेंदुए, भालू, गौर, हिरण वहित अन्य वन्य प्राणी पाए जाते हैं। जंगल का पूरा क्षेत्र 18000 हेक्टेयर में फैला हुआ हैं। साल के तीन माह छोडकऱ नौ माह तक रोजाना सफारी होती है। पर्यटकों को बाघ समेत अन्य वन्य प्राणियों के दीदार होते हैं।
हिंसक घटनाओं में कमी
सोनेवानी के रेंजर हर्षित सक्सेना के अनुसार जंगल पर कैमरे से निगरानी रखे जाने की वजह से इस क्षेत्र में पशु हानि पर रोक लगी हैं। कैमरे में पता चल जाता है कि कौन सा वन्य प्राणी किस क्षेत्र में विचरण कर रहा है। यदि जंगल से बाहर बाघ निकलने लगता है, तो वहां के बीटगार्ड को तुरंत अवगत करा देते हैं, ताकि वन्य प्राणियों का रास्ता सकें। इस साल खाली वन क्षेत्र में बीज बोआई का कार्य करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
वर्सन
सोनेवानी में मानव व वन्य प्राणी का द्वंद रोकने जंगल के संवेदनशील क्षेत्र में एआई कैमरा लगाकर निगरानी रखते आ रहे हंै। बाघ व दूसरे वन्य प्राणी जंगल से बाहर तो नहीं जाते, जानकारी तत्काल मिल जाती हैं। आगामी समय में कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने वरिष्ठ कार्यालय प्रस्ताव भेजा जाना हैं।
हर्षित सक्सेना, रेंजर दक्षिण लालबर्रा सामान्य

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