तेंदुआ कब से यहां घूम रहा है फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन जब शुक्रवार को वन विभाग के अमले ने रेंजर कॉलेज के जंगली क्षेत्र से एक गर्भवती मादा चीतल के शव को बरामद किया। तब तेंदुए की आमद की पुष्टि हो गई। हालांकि वन क्षेत्र से घिरे बालाघाट शहरी क्षेत्र में वन्य प्राणी चीतल और जंगली सूकर का मूवमेंट हमेशा ही रहता है। लेकिन तेंदुए के चीतल का शिकार करने के मामले के बाद वन विभाग अलर्ट मोड पर है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी धमेन्द्र बिसेन के अनुसार रेंजर कॉलेज परिसर व बजरंग घाट में काफी संख्या में लोगों का आवागमन रहता है। सुरक्षा के लिहाज से तेंदुए को ट्रेक करने व लोकेशन पता करने दो कैमरे लगाए हैं। हालाकि शनिवार तक तेंदुआ कैमरे में कैद नहीं हो पाया है। लेकिन उसकी मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। रेंजर बिसेन ने बताया कि वन क्षेत्र काफी बड़ा होने से सुरक्षा श्रमिकों की संख्या नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में अतिरिक्त सुरक्षा श्रमिकों की मांग के लिए पत्र लिखा जा रहा है।
जंगल क्षेत्र में तेंदुए के पदमार्क मिले हैं। उसकी मौजूदगी आसपास ही है। वनविभाग का अमला अलर्ट मोड पर है। अमला गश्त कर रहा है। लोगों को समझाईश दी गई है कि वे जंगली क्षेत्र में अकेले ना जाए। तेंदुआ कभी भी किसी को अपना शिकार बना सकता है।
अजय चौरे, डिप्टी रेंजर
धमेन्द्र बिसेन, रेंजर बालाघाट