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बालाघाट

डेढ़ करोड़ की पेयजल योजना में लग रहा लापरवाही का ग्रहण

2025 में नलों से पानी मिलने की ग्रामीणों को उम्मीदें
दो साल बीतने पर भी सफलीभूत नहीं हो पाई योजना
शुद्ध पेयजल के लिए अब भी परेशान हो रहे ग्रामीण
जिले की धार्मिक नगरी रामपायली का मामला
कच्छप गति से चल रहा पेयजल योजना पर काम

बालाघाटDec 19, 2024 / 04:51 pm

mukesh yadav

2024 में भी साकार नहीं हो पाया नल-जल का सपना

2024 में भी साकार नहीं हो पाया नल-जल का सपना

बालाघाट। ग्रामीणों को घर पर शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का दिखाया गया सपना 2024 में भी पूरा नहीं हो सका है। अब ग्रामीणों को 2025 में नलों के माध्यम से शुद्ध पेयजल मुहैया होने की उम्मीदें हैं। हालाकि निर्माण कार्य की गुणवत्ता और गति को देखकर पेयजल योजना कब तक पूरी हो पाएगी इस पर संशय बना हुआ है। मामला जिले की धार्मिक नगरी रामपायली का सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार की योजना के तहत यहां एक करोड़ 70 लाख की लागत से पेयजल योजना की शुरूआत 2022 में की गई। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी ग्रामीणों को नलों के माध्मय से पेयजल सप्लाय शुरू नहीं किया गया है। यहां तक की पंचायत ने योजना को अपने हैंडओवर लेने से भी मना कर दिया है। परिणाम स्वरूप घरो पर ही शुद्ध पेयजल ग्रामीणों के लिए अब भी सपना बना हुआ है।
कच्छपगति से चल रहा काम
पंचायत प्रतिनिधियों के अनुसार एक करोड़ 70 लाख की लागत से रामपायली के वार्ड 16 एवं 20 में पानी की टंकी के निर्माण सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। लेकिन 2022 से बन रही पानी टंकियों का कार्य आज भी अधूरा हैं। लोगों को स्वच्छ पेयजल पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा हैं। वार्ड नंबर 16, 17, 18, 19, 20 में स्थिति और विकराल बनी हुई है। यहां के हैंडपंप भी पानी की जगह हवा उगल रहे हंै। इसी तरह वार्ड 13, 14, 15 और कस्बीटोला में 4 वार्ड के लगभग 1500 लोग निवास करते हैं। जिन्हें स्वच्छ जल की दरकार बनी हुई हैं।
यह सामने आ रही खामियां
बताया गया कि रामपायली पंचायत में 20 वार्ड आते हैं। वहीं कस्बीटोला के चार वार्ड भी शामिल हैं। ग्राम में 1980 के दशक में एक पानी की टंकी का निर्माण हुआ। पेयजल व्यवस्था यहां सुलभ हो पाई। बस स्टैंड में पुन: एक पानी की टंकी का निर्माण हुआ। जिसकी पाइप लाइन अव्यस्थित होने से आज भी कई घरों तक जल नहीं पहुंच पाता। इसी तरह श्रीराम हाई स्कूल चौक पर और कस्बीटोला में दो टंकियों के निर्माण एक करोड़ 70 लाख की लागत से निर्माणाधीन है। अनेक छोटे-बड़े कार्य आज भी बाकी हैं।
गुणवत्ता पूर्ण नहीं हुआ कार्य
ग्राम सरपंच संदीप वाघमारे के अनुसार वर्ष 2022 से निर्माणाधीन पानी की टंकी आज भी अपूर्ण हैं। पर्याप्त मात्रा में नल नहीं लगे हैं। स्ट्रैंथ पोस्ट नहीं लगे हैं। टंकियों में कई लीकेज है। छोटी बड़ी कई समस्याएं वार्ड नंबर 15 और 20 की निर्माणाधीन पानी टंकी में मौजूद है। इस कारण हमने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया हैं। सरपंच बाघमारे ने बताया कि हम चाहते हैं कि पूर्ण रूपेण पानी की टंकी निर्मित हो जाए और स्वच्छ जल प्रत्येक घरों को पहुंचें। इसके बाद ही हम एनओसी देंगे।
इनका कहना है।
मैं जब से शादी होकर आई हूं, तब से मैं जल संकट से जूझ रही हूं। पीने का पानी तो हम हैंड पंप से दूरदराज से जाकर ला लेते हैं। लेकिन अन्य उपयोग के लिए पानी मिलना दुश्वार हो गया हैं। पानी की टंकी बनकर खड़ी हैं, लेकिन व्यवस्था ठप्प है।
ममता शेंडे, वार्ड 19
वह विगत कई वर्षों से पानी की समस्या से परेशान है। शासन-प्रशासन ने टंकी तो बना दी। पर पानी देने का काम अब तक नहीं किया हैं। यहां के लोग बरसों से प्यासे हैं। मैं प्रतिदिन लंबी दूरी तय कर पीने के पानी के लिए जाती हूं, स्वच्छ जल मिलना दुश्वार है।
कौशल्या बाई, कस्बीटोला
वर्ष 2022 से पानी की टंकी का निर्माण हो रहा है, अनेक खामियां आज भी मौजूद हैं। कई बार संबंधित विभाग और जिला पंचायत की बैठक में आवेदन पत्र भिजवाए गए। लेकिन समुचित कार्रवाई अथवा पानी की टंकी का पूर्णरुपेण निर्माण आज तक नहीं हो पाया हैं। शादी ब्याह जैसे कार्यक्रमों में परेशानियों से जूझना पड़ता हैं।
उमाशंकर राणा, पंच वार्ड नंबर 19
वर्ष 2022 से निर्माणाधीन पानी की टंकी आज भी अपूर्ण हैं। पर्याप्त मात्रा में नल नहीं लगे हैं। ऐसे कई कार्य बाकी है। हमने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं दिया हैं। यदि योजना को चालू भी कर देते हैं। तो एक घर में पानी जाएगा, दूसरे घर में नहीं जाएगा। ग्राम पंचायत के खिलाफ आमजनों का आक्रोश उत्पन्न होगा। हम चाहते हैं कि पूर्ण रूपेण पानी की टंकी निर्मित हो और जल प्रत्येक घरों को पहुंचे।
संदीप बाघमारे, सरपंच रामपायली

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