वर्जन – एक प्रदेश के दो से तीन जिलों में रात को काम हुए हैं, लेकिन रात्रिकालीन शिविर कहीं नहीं लगी। इसकी शुुरुआत बैहर एसडीएम ने की है। दिन में किसान व मजदूर कार्य करते हैं। इसलिए एसडीएम ने उनके लिए रात्रिकालीन शिविर लगवाए, जिसका लाभ भी उनको मिला है। यह अच्छी पहल है। – मृणाल मीना, कलेक्टर बालाघाट।
वर्जन – दो मैं एक दिन बैठकर सोच रहा था कि दिन में काम करने वाले मजदूर वर्ग को राजस्व महाभियान-३.० का लाभ कैसे मिले। इस संबंध में तहसीलदार व सीएमओ को बुलाकर बात किया। इसके बाद उनको रात्रिकालीन शिविर के बारे में बताया। शिविर कैसे सफल होगा? यह योजना बताई। इसके बाद इसको मूर्त रूप दिया। इसकी शुरुआत बिरसा व बैहर से की। – अर्पित गुप्ता, एसडीएम (आईएएस) बैहर।
यह काम हुए शिविर में खसरा आधार लिंकिंग, पीएम किसान ईकेवायसी, फॉर्मर रजिस्ट्री व आयुष्मान कार्ड बनाने के कार्य हुए हैं। यह हुआ फायदा – ६५ हजार से अधिक लक्ष्य वाले जिलों में 70 वर्ष से अधिक आयु के आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में जिला नंबर एक पर है। जनसंख्या के अनुपात से 65 हजार 944 कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला। अब तक 42 हजार 366 कार्ड बनाए गए हैं। 64.25 प्रतिशत कार्य के साथ प्रदेश में नंबर पोजिशन है। – इस सूची में ५० प्रतिशत के साथ बैतूल दूसरे नंबर पर है। – 65 हजार से कम लक्ष्य वाले जिलो में सिवनी प्रथम स्थान पर है। वहां पर अब तक 53 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।