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बालाघाट

कचरे में गुम हुई नहर, खेतों तक नहीं पहुंच रहा पानी

सफाई कराना भूले जिम्मेदार, वर्षो बाद भी नहीं किया जा रहा सफाई कार्य
दर्जन भर गांव के किसानों के बीच पनप रहा आक्रोश
नहीं ले पा रहे दो सीजन की फसलें

बालाघाटDec 23, 2024 / 12:49 pm

mukesh yadav

सफाई कराना भूले जिम्मेदार

सफाई कराना भूले जिम्मेदार

बालाघाट. झाडिय़ों और कचरे से अटी नहरें। खेतों तक पानी पहुंचाने में करनी पड़ रही मशक्कत और लंबे समय बाद भी नहरों की नहीं हो पाया सफाई कार्य। कुछ इसी तरह के हालात इन दिनों जनपद क्षेत्र की धार्मिक नगरी रामपायली के बनें हुए हैं। यहां किसानों को नहरों से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। करीब एक दर्जन से अधिक गांव के किसानों के बीच आक्रोश पनप रहा है। रामपायली के कस्बीटोला, रेंगाझरी, सोनझरा, कन्हार टोला, अमई के किसानों ने नहरों के जरिए पानी पहुंचाए जाने की मांग विभागीय अधिकारियों से की है।
झाडिय़ों की नहीं सफाई
किसानों के अनुसार इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली नहरों के आस पास बड़ी-बड़ी झाडिय़ा ऊग आई है। इन झाडिय़ों की लंबे अर्से से साफ सफाई नहीं कराई गई है। कई स्थानों पर नहरे क्षतिग्रत हो चुकी है। न तो मरम्मती करण कराया गया है, न ही कटाव को लेकर किसी प्रकार के सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
बजट का अभाव
किसानों ने बताया कि नहरों के जीर्णोद्वार को लेकर जब उन्होंने विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया, तो अधिकारियों का कहना था कि विभाग के पास बजट नहीं है। बजट के अभाव में जर्जर नहरों का जीर्णोद्वार एवं साफ सफाई नहीं कराई जा सकी है। कटाव की वजह से पानी इन दिनों जगह-जगह से व्यर्थ बह रहा है। खेतों तक पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों को रबी फसल उत्पादन को लेकर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पांच हजार हेक्ट भूमि में नहीं पानी
किसानों के अनुसार करीब 5 हजार हेक्टेयर में लगी रबी फसलों को जर्जर नहरों के जरिए पानी बमुश्किल ही मिल रहा है। कस्बीटोला, रेंगाझरी, सोनझरा, कन्हारटोला, अमई के किसान खरीफ फसल तो जैसे-तैसे उगा लेते हैं, लेकिन रबी फसल उत्पादन को लेकर उन्हें हर मोड़ पर परेशान होना पड़ रहा है।
8-10 सालों से नहीं सफाई
रामपायली किसान संगठन अध्यक्ष कुंज बिहारी दुबे ने बताया कि रामपायली में नहर के 2 फाटे हैं। एक रामपायली और दूसरा कस्बीटोला, रेंगाझरी, सोनझरा के किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाता है। करीब 8 से 10 साल का समय हो गया हैं, नहर की साफ सफाई नहीं करवाई गई है। नहर के पुल, पुलिया एवं पानी की निकासी नाली लगभग गुम हो गई हैं। विभाग का कहना है कि हमारे पास ना तो काम करने वाले लोग हैं, ना उपयुक्त पैसा। ताकि हम व्यवस्था बना सके। सरपंच संदीप बाघमारे, जनपद सदस्य जगदीश बंसोड़ नहरों को लेकर विधायक विवेक पटेल से मुलाकात करने वाले हैं, ताकि नहर का सीमेंटीकरण हो सकें।
नहर जीर्णोद्वार की रखी मांग
क्षेत्र के किसान संदीप वाघमारे, थानसिंह पटले, सुरेश ठाकरे, पुरुषोत्तम पटले, राजेन्द्र ठाकरे, अमित सिंह बैस, राजकुमार गोंडुडे, रमाकांत कापरे, नागेश पटले, होमेन्द्र पटले, युवराज राणा, रेखलाल पालेवार, टेकलाल पालेवार, उमाशंकर राणा, बुद्धेश बिसेन, योगराज हनवत, रविंद्र हनवत, अनिल पालेवार, राजेन्द्र सिंह चौहान, राजेंद्र बारेवार, गौरीशंकर हरिनखेड़े, मुन्नू दुबे, उमाशंकर राणा, जगदीश बंसोड़, बबलू सोनबिरसे आदि किसानों ने नहरों का जीर्णोद्वार किए जाने की मांग की है।
वर्सन
वर्षों से नहरों की सफाई और सीमेंटीकरण का कार्य नहीं हो पाया हैं। बांधों से निकलने वाला पानी खेतों तक पहुंच नहीं पाता और यहां वहां बहकर नुकसान का कारण बनता हैं। सरकार प्रतिवर्ष पैसे लेने आ जाती है, लेकिन रख रखाव उस अनुपात में जीरो हैं।
उमाशंकर राणा, किसान
क्षेत्र में पानी की पर्याप्त उपलब्धता न होने से किसान एक ही फसल पर वर्षों से सीमित हैं। अधिकांश स्थानों पर नहरों एवं आसपास की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया हैं। विभाग का ध्यान न जाना सोचनीय हैं। जांच निष्पक्षता से की जानी चाहिए।
ठानसिंह पटले, किसान
रामपायली, रेंगाझरी क्षेत्र में जहां-जहां भी नहर टूट गई हैं, उसको पुन: सुव्यवस्थित करने मजदूरों को काम पर लगा दिया गया है। क्षेत्र की अन्य नहरों का भी निरीक्षण करवाया जा रहा हैं। जहां पर आवश्यकता होगी, वहां पर सफाई कार्य करवाया जाएगा।
कोमल गजभिए, प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी अधर नहर उप संभाग वारासिवनी

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