इस पूरे मामले में वन विभाग ने पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से भी सहयोग की अपील की हैं। रेंजर वारासिवनी ने एसडीएम एवं एसडीओ पुलिस को पत्र लिखकर वन्य प्राणी बाघ, तेंदुए की इन ग्रामों में उपस्थिति की जानकारी देते हुए उनसे सहयोग की अपेक्षा की हैं। रेंजर ने अपने पत्र में बताया हैं कि वन विभाग 24 घंटे इन क्षेत्रों में निगरानी व गश्त कर रहा है। लेकिन यदि राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी सहयोग करें, तो ग्रामीणों की सुरक्षा करने में आसानी होगी।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों पूर्व रमरमा, सावंगी, धानीटोला, बुदबुदा आदि ग्रामों में बाघ की चहलकदमी के कारण ग्रामीणजन बेहद दहशत में थे। कुछ महीनों से इन ग्रामों में इन वन्य प्राणियों की चहल कदमी कम हो गई है। यह वन्य प्राणी बोदलकसा, खापा आदि के क्षेत्र में दिखाई दे रहे थे। अब इन वन्य प्राणियों ने बोदलकसा, खापा क्षेत्र के साथ ही ग्राम मंगेझरी, दीनी, पूनी, डोंगरगांव, पिपरटोला, लिंगमारा, केरा, भांडी, पौनेरा, खापा, सावंगी एवं नैतरा आदि में अपनी आमद बढ़ा दी हैं। यहां के ग्रामीण अपनी और अपने पशुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
ग्रामीणों की इस चिंता को देखते हुए वन विभाग गश्त करने के साथ ही राजस्व व पुलिस विभाग से सहयोग मांग रहा है। फिलहाल वन्य प्राणियों ने इन ग्रामों में किसी को क्षति नहीं पहुंचाई हैं। लेकिन इनकी आमद से ग्रामीणजन खौफजदा नजर आ रहे हैं। वन विभाग शाम के बाद घर से नहीं निकले की बात ग्रामीणों से कर रहा है। वहीं खेतों में कार्य करने के दौरान सुरक्षा बरतने की अपील की गई है।
क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में वन्य प्राणी बाघ के होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस विभाग द्वारा वन विभाग के साथ सहयोग करते हुए इन ग्रामों में ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है और रात्रि में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही हैं।
अभिषेक चौधरी, एसडीओपी वारासिनी