भुजली लेकर निकली कोष्ठी समाज की नवविवाहिताएं
चंदन नदी तट पर किया गया भुजलियां विसर्जनकोष्ठी समाज ने मनाया भुजलिया पर्वविधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि हुए शामिलसमाज के लोगों को दी गई शुभकामनाएं
भुजली लेकर निकली कोष्ठी समाज की नवविवाहिताएं
बालाघाट/वारासिवनी. श्री सदगुरू कबीर कोष्टी समाज उन्नति परिषद वारासिवनी के द्वारा भुजलियां विसर्जन को महापर्व के रूप में धूमधाम से मनाया गया। कोष्टी समाज का एक बड़ा वर्ग वारासिवनी में निवासरत है। जिन्होंने नगर में परपंरा के अनुसार भुजलियां पर्व मनाया। इस अवसर पर सर्वप्रथम स्थानीय कबीर कुटी में शाम 4 बजे कबीर साहेब का निशान चढ़ाने के बाद झंडा वंदन किया गया। कबीर साहेब की आरती की गई। समाज की ओर से लगभग दो दर्जन नव विवाहिता बेटियों का सम्मान किया गया। इसके बाद कबीर कुटी से बंैडबाजे व डीजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के विभिन्न चौक-चौराहों का भ्रमण करते हुए चंदन नदी के तट पर स्थित कबीर घाट पर पहुंची। यहां भुजलियों का विसर्जन किया गया। भुजली पर्व को लेकर सभी नव विवाहिताएं, जिनके ऊजौना की रस्म पूरी की।
उल्लेखनीय है कि नवविवाहिताएं एक दिन पूर्व से ही निर्जला वृत रखती हैं। वहीं एक सप्ताह पूर्व से ही इस पर्व को लेकर यह तैयारी पूरी की जाती है। घर की महिलाएं अपनी ब्याहता बेटी के साथ घर में ही बाड़ी बोने का कार्य करती हैं। एक परंपरा के तहत मिट्टी लाकर उस पर भुजलियों का रोपण पूरे धार्मिक संस्कारों एवं विधी विधान के साथ किया जाता है। बड़े झालों के साथ ही नौ छोटी छोटी टोकनियों में भी भुजलियों को बोया जाता है।
निभाई गई ऊजौना की रस्म
समाज के सदस्य ने बताया कि आज के दिन नवविवाहिताओं की अंतिम रस्म ऊजैना के साथ पूरी होती है। जानकारी के अनुसार प्रत्येक ऐसा परिवार जिसके घर से पहली बार लडक़ी दुल्हन बनकर बिदा हुई होती है, वह लडक़ी साल भर के अंदर सावन में अपने मायके में आती है। सभी रस्म और संस्कार पूरे होने के बाद भी एक रस्म ऊजौना की भादों के दूसरे दिन पूरी होती है। यह रस्म समाज की ओर से सार्वजनिक रूप से की जाती है।
परंपरा बन गया पर्व
नगर में भुजलिया पर्व एक परंपरा बन गया है। कोष्टी समाज ही नहीं सभी वर्ग के लोग मिल जुल कर इस रस्म को मनाते हंै। यह पर्व कोई एक वर्ग विशेष का धार्मिक पर्व न होकर सर्व समाज का पर्व हो गया है। यह परंपरा आज भी दिखाई दी। भुजली मिलन समारोह में सभी दलों के नेता जनप्रतिनिधि उपस्थित हुएं, वहीं सभी धर्म एवं वर्ग ने शामिल होकर इस परंपरा को कायम रखा।
यह रहे शामिल
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक प्रदीप जायसवाल, स्मिता जायसवाल, नपाध्यक्ष सरिता दांदरे, प्रीति शिव आदि उपस्थित रहे। वहीं आयोजक टीम की ओर से अध्यक्ष मनीष हेड़ाउ, मोनू लिमजे, मिथलेश बुरडे, अरविंद कुल्हाडे, संजय बांगडे, विशाल गोखले आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। शोभायात्रा में नगर के गणमान्य नागरिकों सहित अन्य लोगों ने शामिल होने का कार्य किया। ज्ञात हो कि कबीर भवन में विधायक प्रदीप जायसवाल ने व्यक्तिगत तौर पर भी नव विवाहित महिलाओं को पुरस्कार व महाजनों का सम्मान किया है।
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