दिल्ली में कोई गठबंधन नहीं होगा
दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, जिसमें आप ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि वे सभी सीटें हार गए, लेकिन दोनों पार्टियां भाजपा की जीत के अंतर को कम करने में कामयाब रहीं। जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या आप दिल्ली चुनाव गठबंधन में लड़ेगी, तो उन्होंने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “दिल्ली में कोई गठबंधन नहीं होगा।”
आप के चलते कांग्रेस को उठाना पड़ा नुकसान!
वहीं, कुछ ही घंटों के भीतर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि वे शुरू से ही स्पष्ट थे कि विधानसभा चुनावों में आप के साथ उनका कोई गठबंधन नहीं होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन के कारण उसके उम्मीदवारों को नुकसान उठाना पड़ा था। दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, जिसमें आप ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि वे सभी सीटें हार गए, लेकिन दोनों पार्टियां भाजपा की जीत के अंतर को कम करने में कामयाब रहीं। जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या आप दिल्ली चुनाव गठबंधन में लड़ेगी, तो उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “दिल्ली में कोई गठबंधन नहीं होगा।”
हरियाणा में भी नहीं हो सका था गठबंधन
कांग्रेस 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में अपना खाता खोलने में विफल रही थी, जबकि AAP ने 70 में से 67 और 62 सीटें जीती थीं। हालांकि, लोकसभा चुनावों में AAP के मुकाबले कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। हरियाणा में आप ने 90 में से 10 सीटें मांगी थीं, जबकि कांग्रेस केवल सात सीटें देने को तैयार थी, जिसके कारण बातचीत विफल हो गई, जबकि कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी दोनों दलों के बीच गठबंधन चाहते थे। दिल्ली में कांग्रेस शासन के मुद्दों को लेकर आप पर हमला कर रही है और उसने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की तर्ज पर ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ का आयोजन किया है, जो 4 दिसंबर को समाप्त हो रही है।