विद्यार्थियों ने भ्रमण के दौरान काला पहाड़, रानी महल, राजा हिरदेशाह का किला, रायबहादुर की कोठी, बेगम महल, चौगान, सहस्त्रधारा आदि स्थलों की विषय विशेषज्ञों से सामाजिक, ऐतिहासिक व साहित्यिक जानकारी प्राप्त की। दल का नेतृत्व कर रहे हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अरुण वैद्य ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से विद्यार्थियों का मानसिक व शैक्षणिक विकास होगा तथा यह भ्रमण उपयोगी साबित होगा। वहीं वनस्पतिशास्त्र विभाग प्रमुख डॉ जयश्री सूर्यवंशी ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण छात्र-छात्राओं को खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभव से परिभाषित करते हैं। राजनीति विभाग प्रमुख डॉ विशाखा ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से छात्रों में एक अदभुत अनुभूति जागृत होती है, जिससे वे भारत के विभिन्नताओं जैसे राजनीति, इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रुप से जान सकते हैं।
इस भ्रमण में शीतल चौके, धर्मचंद राठौर, दिनेश कुशवाहा, नवनीत शर्मा, सोमलाल मडावी सहित स्नातके अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।