ग्राम पंचायत बडग़ांव के सचिव नंदकिशोर बिसेन के अनुसार मुरुम खनन को लेकर पंचायत से कोई लिखित अनुमति नहीं ली गई है न ही उन्हें खनन के मामले की कोई जानकारी है। ग्रामीणों को जानकारी लगने पर उन्होंने डंपरों को रोकने का प्रयास भी किया गया। लेकिन परिवहन कार्य में लगे कर्मचारियों ने थाने में मुरुम जाने का हवाला देकर उन्हें शांत करवा दिया।
बडग़ांव के ग्रामीणों के अनुसार तालाब में मुरुम के अवैध खनन से तालाब का स्वरूप बिगड़ रहा है। तालाब किनारे गहरे गढ्डे बन रहे हैं। बारिश होने पर इनमें पानी भर जाएगा और फिर अप्रिय घटना होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। ग्रामीणों के अनुसार उनके मवेशी भी तालाब में पानी पीने व नहाने आदि जाया करते हैं। ऐसे में यदि किसी मवेशी की गहरे गड्ढे में डूबने से मौत होती है तो उसकी जिम्मेदारी पंचायत और राजस्व विभाग की होगी।
इस पूरे मामले में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका संदिग्ध होना सामने आ रही है। पूरे मामले में तहसीलदार लालबर्रा एवं एसडीएम वारासिवनी से दूरभाष पर चर्चा की गई। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने जांच व कार्रवाई करने की बात कही है। जिनका कहना है कि आरआई पटवारी को मौके पर भिजवाकर जांच करवाई जाएगी।
अवैध खनन से संबंधित हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। ना ही किसी प्रकार की अनुमति पंचायत की ओर से दी गई है। मुरुम खनन के संबंध में मेरे द्वारा वरिष्ठों को जानकारी दी जाएगी।
नंदकिशोर बिसेन, सचिव बडग़ांव
राजीव रंजन, एसडीएम वारासिवनी