scriptमोती तालाब को संवारने नहीं जिम्मेदारों का ध्यान | Attention of those responsible for not grooming Moti Talab | Patrika News
बालाघाट

मोती तालाब को संवारने नहीं जिम्मेदारों का ध्यान

दीनदयाल पुरम कॉलोनी सहित अन्य जगहों से आ रहा दूषित पानीदूषित पानी निकासी के नहीं किए कोई इंतजाम

बालाघाटMar 23, 2023 / 08:31 pm

mukesh yadav

मोती तालाब को संवारने नहीं जिम्मेदारों का ध्यान

मोती तालाब को संवारने नहीं जिम्मेदारों का ध्यान

बालाघाट। शहर के मोती तालाब को सुंदर एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद पर ग्रहण लगता नजर आता है। मोती तालाब के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए कई बार योजना बनाई गई। लेकिन उन कार्ययोजना पर अब तक पूर्ण रूप से अमल नहीं किया गया है। मोती तालाब को संवारने की कार्ययोजना सरकारी दफ्तरों की शोभा बढ़ा रही है, वहीं तालाब में जहां-तहां गंदगी नजर आने लगी है।
जानकारी के अनुसार इस तालाब के सौन्दर्यीकरण के लिए अब तक करीब 50 लाख से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। लेकिन तालाब की सुंदरता अभी भी कोसों दूर है। जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने भी अब इस ओर ध्यान देना बंद दिया है। अब मोती तालाब के सौंदर्यीकरण की बात महज बैठकों तक ही सीमित हो गई है।
तालाब का पानी हो रहा दूषित
जानकारी के अनुसार वर्तमान में मोती तालाब के अंदर फेंकी की जा रही गंदगी एवं कूड़ा करकट से तालाब का पानी लगातार दूषित हो रहा है। एक ओर मोती तालाब का सौंदर्यीकरण खराब हो रहा है, वहीं तालाब जगह-जगह से प्रदूषित नजर आ रहा है। इसकी प्रमुख वजह जिम्मेदारियों का उदासीन रवैया बताया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया है।
पहले मॉयल ने की थी मदद
जानकारी के अनुसार मोती ताल का सौंदर्यीकरण कर उसे मोती की तरह चमकाने पहले मॉयल ने मदद की थी। वहीं जनभागीदारी से जिला प्रशासन व नपा ने इसकी दशा और दिशा सुधारने का दावा किया गया था। लेकिन यह दावा भी चुनावी वादों की तरह खोखला साबित हुआ है।
कार्ययोजना के मुताबिक सिर्फ लगी गैलरी
मोती तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए तालाब के आस पास महज गैलरी लगाकर छोड़ दिया गया है। जबकि प्रस्तावित तौर पर तालाब में बोटिंग व अन्य सुविधाएं करने की बात कही गई थी, जो अब हवा हवाई साबित हो रही है। इसके पूर्व भी समय-समय पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों, राजनेताओं, जिला प्रशासन व नगरपालिका ने कई बार मोती तालाब का सौंदर्यीकरण किए जाने के दावे किए, लेकिन ये दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। कहने को तो मोती तलाब एक प्राचीन तालाब है, लेकिन रखरखाव का अभाव एवं उदासीनता के कारण यह अपना अस्तित्व खोता नजर आता है।
सफाई अभियान से मोहभंग
चुनाव नजदीक आने के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टी पदाधिकारी स्वच्छता अभियान चलाते हंै। इस दौरान दिखावे के लिए मोती तालाब की साफ सफाई कर उसके संवर्धन व संरक्षण का संकल्प लिया जाता है। लेकिन वह संकल्प सिर्फ चुनाव तक ही सीमित रहता है। चुनाव का मौसम जाते ही ना तो जनप्रतिनिधि नजर आते हैं, ना ही उनका संकल्प। शायद यहीं वजह है कि मोती तालाब का अब तक उद्धार नहीं हो पाया है।
तालाब में जा रहा दूषित पानी
मोती तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए वैसे तो नपा और जिला प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं से श्रमदान करवाकर तालाब को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने कार्य किया। लेकिन दीनदयाल पुरम से निकलने वाले नालियों का पानी अभी भी मोती तालाब के पानी में मिल रहा है, इस कारण तालाब का पानी दूषित हो रहा है। बता दें कि इसके पूर्व में भी इसी प्रकार की घटना मोती तालाब में देखने को मिली थी, जब दीनदयाल पुरम का सारा पानी तालाब में जा रहा था। इससे तालाब की मछलियां मर रही थी, जिसे देखते हुए नपा प्रशासन ने कॉलोनी का सारा पानी एक नाले के माध्यम से डायवर्ट कर दिया गया था। लेकिन कुछ ही समय बीता की समस्या ज्यों की त्यों हो गई है। जिसकी जानकारी नपा को भी नहीं है। बताया जा रहा है कि बारिश के बाद से यह पानी तालाब में ही जा रहा है, जिस पर नगर पालिका का कोई ध्यान नहीं है।
सपना न बन जाए सौन्दर्यीकरण
मोती तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए कई बैठकें कर कार्ययोजना भी बनाई गई। लेकिन उन कार्ययोजना को अब तक शुरू तक नहीं किया गया है। हर बार कार्ययोजना के तहत थोड़ा बहुत काम कराकर उसे बंद कर दिया गया। अब मोती तालाब को मोती जैसा चमकाने और उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का सपना महज सपना बनकर रह गया है।
वर्सन
शहर सहित मोती तालाब के सौन्दर्यीकरण को लेकर भी पूरी तरह से गंभीर है। इस बार परिषद की बैठक में शहर की स्वच्छता और सुंदरता के लिए विशेष प्रावधान व बजट निर्धारित किया गया है। मोती तालाब अवश्य ही मोती सा दमकेगा।
भारती ठाकुर, नपाध्यक्ष

Hindi News / Balaghat / मोती तालाब को संवारने नहीं जिम्मेदारों का ध्यान

ट्रेंडिंग वीडियो