2017 में तबादला नीति होगी लागू- बृजलाल वर्मा खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) हैं। वर्ष 2007 में जिले में इनकी तैनाती हुई थी। अलग-अलग ब्लॉकों में
कार्य करने के साथ फखरपुर ब्लॉक में वे लंबे समय तक तैनात रहें। बीएसए के जिले से बाहर जाने पर कामकाज भी देखते थे। वर्ष 2017 में तबादला नीति लागू होने के बाद 21 जून 2017 को शिक्षा निदेशक (बेसिक) उप्र कार्यालय ने इनका ट्रांसफर पड़ोस के लखीमपुर खीरी जिले के लिए कर दिया, लेकिन इनके रसूख के चलते रिलीव होने में चार माह का समय लग गया। अक्टूबर 2017 में विभाग से इन्हें गैर जनपद के लिए रिलीव किया गया। 29 मई 2018 को शिक्षा निदेशक (बेसिक) उप्र कार्यालय ने खंड शिक्षा अधिकारियों की तबादला सूची जारी की, जिसमें बृजलाल की फिर से जिले में पोस्टिंग कर दी गई।
7 साल पूरे करने के बाद हो जाता है ट्रांस्फर- मंडल में दस साल का सेवा काल बीतने के बाद भी बीईओ की रिपोस्टिंग शिक्षकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। 29 मार्च 2018 को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की वार्षिक स्थानांतरण नीति में ट्रांसफर नियमों में मंडल में सात साल पूरा कर चुके अधिकारियों के तबादले के निर्देश दे रखे हैं। फिलहाल सरकार के शासनादेश पर भारी बीईओ की रिपोस्टिंग जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है।
“उच्चाधिकारियों के निर्देशों का कर रहा हूं पालन”- बीईओ बृजलाल वर्मा से जब पत्रिका उतर प्रदेश ने बात की तो उन्होंने बताया कि जिले में दस साल वे पूरा कर चुके हैं। जिले में वापस रिपोस्टिंग के उद्देश्य पर उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों ने ट्रांसफर किया है, उनके निर्देशों के अनुपालन में फिर से जिले में आया हूं।