प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पिटबुल का हमलावर रवैया देखकर सभी लोग हैरान रह गए। बकरी के पैर को पिटबुल ने अपने जबड़ों में इतनी मजबूती से पकड़ रखा था कि उसे छुड़ाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान बकरी जोर-जोर से चिल्ला रही थी और लोग डरे हुए थे कि कहीं बकरी की जान न चली जाए।
पशु प्रेमियों के बीच इस घटना ने बहस को जन्म दे दिया है। कुछ लोगों का कहना है कि यह पिटबुल की स्वाभाविक प्रवृत्ति है, जबकि कुछ लोग इसे मालिक की लापरवाही मानते हैं। पिटबुल को पालने वाले लोगों का कहना है कि सही प्रशिक्षण और देखभाल के अभाव में इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं।
घटना के बाद बकरी को तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। वहीं, पिटबुल के मालिक का कहना है कि वह अपने पिटबुल को सामान्य रूप से टहला रहा था और उसे इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी।
पशु प्रेमियों के बीच विवाद: गलती किसकी, बकरी की या पिटबुल की?
इस घटना ने पशु प्रेमियों के बीच एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। कुछ लोग पिटबुल की स्वाभाविक प्रवृत्ति को दोषी ठहरा रहे हैं, तो कुछ लोगों का मानना है कि मालिक की लापरवाही से यह घटना हुई। सही प्रशिक्षण और देखभाल के महत्व पर जोर देते हुए लोग अपने-अपने तर्क पेश कर रहे हैं। बागपत की इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जानवरों के मालिकों को कितनी जिम्मेदारी से अपने पालतू जानवरों की देखभाल करनी चाहिए। चाहे गलती पिटबुल की हो या बकरी की, लेकिन इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि पालतू जानवरों के साथ सतर्कता और जिम्मेदारी आवश्यक है।
इस घटना ने पशु प्रेमियों और आम जनता के बीच पालतू जानवरों की सुरक्षा और जिम्मेदारी को लेकर गंभीर चर्चा की जरूरत को उजागर किया है। उम्मीद है कि इस घटना से लोग सबक लेंगे और अपने पालतू जानवरों की देखभाल में अधिक सतर्कता बरतेंगे।