इस दौरान उन्होंने कहा कि इस देश के नेताओं ने ऊंच नीच नफरत पैदा कर दी है। हिन्दू मुसलमान कर दिया है, मन्दिर मस्जिद के चक्कर मे लड़ाकर सियासत करते हैं। मन्दिर की लड़ाई लड़ते हैं। लड़ाई लड़नी भी चाहिए लेकिन शिक्षा के लिए। उन्होंने कहा कि 5 साल हो गए, मन्दिर नहीं बना। चुनाव के वक्त ही मन्दिर याद आता है।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर भी बयान देते हुए कहा कि हमको सीट नहीं चाहिए। आरक्षण में बंटवारा चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले काफी समय से उठ रही हाईकोर्ट बेंच की मांग का भी समर्थन करते हुए कहा कि ये पश्चिमी यूपी का बागपत है। यहां के लोग हाईकोर्ट बेंच की मांग उठा रहे हैं, लेकिन इस इलाके के नेता क्यों नही बोलते। यहां से जीतकर केंद्र में गए मंत्री बने हैं और लखनऊ में गए विधायक बने हैं। वे नेता यहां तो भाषण सुनाते हैं, वहां क्यों नहीं भाषण सुनाते हैं।
मैं 16 वर्षों से देख रहा हूं कि कभी बसपा हटाओ सपा लाओ, सपा हटाओ बसपा और अब दोनों को हटाओ भाजपा लाओ। मिल क्या रहा है, क्या ये अपने बारे में सोच रहे हैं। बता दे कि उत्तर प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के मंत्री बागपत जिले के पुसार गांव में एक निजी नर्सिंग होम के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे।