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दरअसल, हाल ही में खबर आई थी कि दिल्ली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच बैठक हुई थी। इसमें गठबंधन को लेकर बात फाइनल हो गर्ठ थी। बताया गया कि बैठक में सपा और बसपा के बीच 37-37 सीटों पर बात तय हुई है। जबकि रालोद को दो सीटें, भाजपा के बागियों को दो सीटें और कांगेस के लिए दो सीटें छोड़ने की बात सामने आई। यह भी बताया गया कि 15 जनवरी को मायावती अपने जन्मदिन से पहले इसका ऐलान कर देंगी।
इन्हीं कयासों के बीच मंगलवार को रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात की। उन दोनों के बीच करीब दो घंटे बातचीत हुई। इसके बाद जयंत चौधरी ने कहा कि वह गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इससे ज्यादा उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान जयंत चौधरी ने पांच-छह सीटों की डिमांड की। ये सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं, जिन पर रोलाद की अच्छी पकड़ है।
इनमें से एक तो अजित सिंह की परंपरागत सीट बागपत है, जबकि दूसरी मथुरा है। जयंत चौधरी मथुरा से चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा कैराना, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर सीटों के लिए भी जयंत चौधरी ने शर्त रखी है। कैराना से अभी रालोद व सपा की संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम हसन सांसद हैं। जबकि मुजफ्फरनगर से खुद अजित सिंह के चुनाव लड़ने की संभावना है। अब अगर सीटों पर बात नहीं बनती है तो गठबंधप का पेंच फंस सकता है। इस बारे में जयंत चौधरी के करीबी रालोद नेता बॉबी चौधरी का कहना है कि मुलाकात हुई है। बाकी जो भी बात होगी, बता दी जाएगी।