सीएम योगी के आदेश पर हुई बड़ी कार्रवाई, इन दो बड़े पुलिस अधिकारियों को किया गया बर्खास्त
खबर के मुख्य बिंदू-
भ्रष्टाचार व लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिखाई सख्ती
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में लापरवाही बरतने वाले जेलर उदय प्रताप सिंह बर्खास्त
स्टिंग ऑपरेशन फंसे मेरठ जेल के डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह भी बर्खास्त
सीएम योगी के आदेश पर हुई बड़ी कार्रवाई, इन दो बड़े अधिकारियों को किया गया बर्खास्त
बागपत. भ्रष्टाचार व लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती बरतते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में बागपत जेल में माफिया डाॅन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह और एक स्टिंग ऑपरेशन फंसे मेरठ जेल के डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है।
बता दें कि बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रहे आनंद कुमार ने डीजी जेल का पदभार संभालते ही की है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि जांच के बाद दोनों अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही के दोषी पाए गए हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है।
जेलर उदय प्रताप सिंह को मिली लापरवाही बरतने की सजा बता दें कि 9 जुलाई 2018 को सुनील राठी की माफिया डाॅन मुन्ना बजरंगी से बागपत जेल में झड़प हुई थी। इसके बाद सुनील राठी ने डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात के सुर्खियों में आने के बाद प्रदेश सरकार की खासी किरकिरी हुई थी। इस बहुचर्चित हत्याकांड के बाद जेलर उदय प्रताप सिंह को निलंबित कर इसकी जांच जेल अधीक्षक कानपुर को सौंपी गई थी। जांच के बाद यह पता चला कि जेलर उदय प्रताप सिंह ने बागपत जेल की अव्यवस्था दूर करने के लिए महज औपचारिकता निभाई थी।
इस तरह जेल में पहुंची पिस्टल और कारतूस जांच में यह भी सामने आया कि सुनील राठी का जेल में प्रभाव था। उससे मिलने वाले लोगों और उनके सामान तक भी तलाशी नहीं की जाती थी। इसी कारण जेल में सुनील राठी के पास पिस्टल व कारतूस पहुंच गए। जांच में कहा गया है कि जेलर को यह भी पता था कि सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी दोनों शातिर अपराधी हैं। इसके बावजूद मुन्ना बजरंगी को सुनील राठी के साथ बंद किया गया था, जिसके चलते मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई।
बंदियों को अनाधिकृत सुविधा देने के मामले में डिप्टी जेलर पर एक्शन वहीं 1 अक्टूबर 2013 को एक न्यूज चैनल की ओर से मेरठ जेल में किए गए स्टिंग ऑपरेशन में बंदियों को अनाधिकृत सुविधा देने के मामले में डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया है। स्टिंग में डिप्टी जेलर धीरेन्द्र कुमार सिंह बंदियों को अनधिकृत सुविधा दिलाने के लिए पैसे लिए जाने की बात कहते पकड़े गए थे। इसके बाद डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ 20 अप्रैल 2017 को अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए जांच उप महानिरीक्षक कारागार बरेली को सौंपी गई थी। जांच में डिप्टी जेलर डीके सिंह का आचरण भ्रष्टाचार से जुड़ा पाया गया है, जिसके बाद प्रमुख सचिव गृह ने डिप्टी जेलर डीके सिंह को सेवा से बर्खास्त किए जाने का आदेश जारी किया गया है।