बता दें कि डेरा सच्चा सौदा की स्थापना शाह मस्ताना ने अपने गुरु संत सावन सिंह महाराज से आज्ञा लेकर 29 अप्रैल 1948 में की थी। शाह मस्ताना के निधन के बाद डेरे की गद्दी उनके मुख्य शिष्य शाह सतनाम सिंह को मिली थी। शाह सतनाम सिंह ने 27 साल तक डेरा सिरसा की गद्दी को संभाला। इसके बाद शाह सतनाम सिंह का शिष्य गुरमीत सिंह बना। शाह सतनाम सिंह ने 23 सितंबर 1990 को डेरा सच्चा सौदा में औपचारिक समारोह में घोषणा करने के बाद गुरमीत सिंह राम रहीम को डेरा का उत्तराधिकारी घोषित करके गद्दी सौंप दी। उसके बाद से अब तक गुरमीत सिंह राम रहीम डेरा सच्चा सौदा की गद्दी पर है।
Gurmeet Ram Rahim : गुरमीत राम रहीम 40 दिन के पैरोल पर रहेगा बरनावा आश्रम, पुलिस-प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट
गुरमीत की शिष्य हनीप्रीत है। अब हनीप्रीत को डेरा सच्चा सौदा की गद्दी सौंपने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि इसकी अब मात्र औपचारिक घोषणा होना बाकी है। गुरमीत राम रहीम ने डेरे के सभी कागजातों में हनीप्रीत को अपना मुख्य शिष्या बनाया है। गुरमीत ने हनीप्रीत को अपनी धर्म बेटी बताया है। राम रहीम ने अपने परिवार पहचान पत्र में बदलाव कर दिया है। जिसमें अब उसके परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं है। गुरमीत राम रहीम जब फरवरी 2022 में पहली बार पैरोल पर आया तो अपने आधार कार्ड से लेकर परिवार पहचान पत्र में भी उसने पिता और परिवार के नाम हटवा दिया था। पिता के नाम के आगे अपने गुरु सतनाम सिंह का नाम लिखवाया था। खुद को उनका मुख्य शिष्य अंकित करवाया।Baghpat : हनीप्रीत के साथ बरनावा आश्रम पहुंचा गुरमीत राम रहीम, फिर अनुयायियों को दिया ये संदेश
गुरमीत ने परिवार पहचान पत्र में पत्नी और मां के नाम हटवाकर अपनी शिष्य हनीप्रीत का नाम शिष्या के तौर पर अंकित करवाया । डेरा सच्चा सौदा सिरसा का प्रमुख वही बनता है जो कि मौजूदा गुरु का प्रमुख शिष्य होता है। बता दें कि गुरमीत राम रहीम का पूरा परिवार विदेश में रहता है। गुरमीत राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर और उसका बेटा जसमीत लंदन में रहते हैं। डेरा प्रमुख गुरमीत की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर भारत में हैं। लेकिन गुरमीत ने परिवार रजिस्टर में इन दोनों का नाम नही अंकित करवाया है।