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बागपत

भूख से बिलखते रहे सैकड़ों मजदूर और आपस में लड़ते रहे पुलिस वाले, ग्रामिणों ने खिलाया खाना

भूख से बिलबिला रहे मजदूरों को गाजियाबाद पुलिस ने बागपत भगाया

बागपतMay 12, 2020 / 02:09 pm

Iftekhar

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बागपत. प्रवासी कामगारों को छोड़ने को लेकर रविवार रात को गाजियाबाद की ट्रॉनिका सिटी थाना पुलिस और खेकड़ा कोतवाली पुलिस आमने-सामने आ गई। पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर दोनों तरफ की पुलिस ने बागपत और गाजियाबाद सीमा स्थित नया सुभानपुर गांव में डेरा जमा लिया। इसके बाद रात को ही गाजियाबाद पुलिस मजदूरों को वाहनों में भरकर ले गई।

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दरअसल, लाकडाउन के चलते फैक्ट्रियां बंद हुई तो कामगार बेरोजगार हो गए। इसके बाद फैक्ट्री संचालकों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। भूखे-प्यासे मजदूर अपने घरों को जाने के लिए सड़कों पर दौड़ने लगे, लेकिन सभी प्रदेश सरकारों ने अपने क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य जांच कराए आने वाले मजदूरों पर रोक लगा दी है, जिसके बाद से मजदूर भटकने को मजबूर हैं। हरियाणा और पंजाब से आने वाले सैकड़ों मजदूर जान जोखिम में डालकर यमुना नदी पार कर यूपी में आ रहे हैं। उनके आने की सूचना मिलते ही पुलिस में हड़कंप मचै हुआ है। गाजियाबाद जिले की पुलिस बाहर से आने आने वाले मजदूरों को बागपत में छोड़कर चली जाती है। लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य जांच नहीं होने के कारण खेकड़ा पुलिस को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, जिसके लेकर बागपत-गाजियाबाद सीमा स्थित डूंडाहेड़ा चौकी पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई है।

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पिछले तीन दिन से कोतवाली पुलिस गाजियाबाद पुलिस की ओर से छोड़े जा रहे कामगारों को वापिस भेज रही है। रविवार रात में ट्रॉनिका सिटी पुलिस मजदूरों को बागपत-गाजियाबाद सीमा स्थित नया सुभानपुर गांव में छोड़ रही थी। इसकी सूचना किसी ने डूंडाहेड़ा चौकी पर दे दी। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया। कोतवाली पुलिस कामगारों को अपनी सीमा में नहीं घुसने दे रही थी। वहीं ट्रॉनिका सिटी पुलिस उन्हें वापिस ले जाने के लिए तैयार नहीं थी। पुलिस के बीच हो रहे हंगामे को देखने के लिए ग्रामीण भी छत पर चढ़ गए। कोतवाली पुलिस ने कामगारों को अपनी सीमा में आने से रोकने के लिए वहीं पर डेरा जमा लिया। दो जिलों की पुलिस के बीच देर रात तक हंगामा चलता रहा।

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भूख से बिलबिलाए मजदूरों ने कहा साहब खाना ही खिलवा दो
दो जिलों की पुलिस के बीच हो रहे हंगामे के बीच कामगार भूख से तड़प रहे थे। इसी बीच भूख से बिलबिलाते मजदूरों ने पुलिस वालों से गुहार लगाई कि साहब भूखे मर जाएंगे खाना ही खिलवा दो। लेकिन पुलिस खाने का साधन नहीं जुटा पाई। तभी वहां छतों से हंगामे को देख रहे ग्रामीणों ने बिस्किट, नमकीन और दूध आदि भेजा, लेकिन कामगार फिर भी भूखे रह गए। इसके बाद ग्रामीणों ने घरो में खाना बनाकर उन्हें खिलाया।

 

बागपत से बसों के जाने की सूचना पर आ रहे मजदूर
हरियाणा प्रशसान द्वारा रजिस्टर्ड कामगारों को बसों से ईस्टर्न पेरिफेरेवल एक्सप्रेस-वे पर तहसील के पास छोड़ा जा रहा है। इसके बाद बागपत प्रशासन की ओर से उनकी स्क्रीनिग कर उन्हें बसों से उनके गन्तव्य तक भेजा जा रहा है। इसकी सूचना पैदल चलने वाले कामगारों तक भी पहुंच रही है। जिसके चलते बड़ी संख्या में कामगार बागपत आ रहे हैं। उसी के चलते गाजियाबाद पहुंचने वाले कामगारों को भी ट्रोनिका सिटी पुलिस खेकड़ा जाने की बात बताकर यहां छोड़ रही है।

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