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बागपत जनपद के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के पास मंगलवार को खेकड़ा और बड़ा गांव के पास पहुंचे दिल्ली हरियाणा और पंजाब के मजदूरों ने दिल्ली सरकार और हरियाणा पंजाब सरकार की बेरुखी की सारी कहानी बागपत पहुंचकर बताई। दिल्ली से बागपत के बड़ेगांव पहुंचे मजदूर दयाशंकर चौधरी ने बताया कि वह दिल्ली सरकार से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने खाने-पीने की व्यवस्था करने का वादा किया था, लेकिन उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली। इस वजह से उन्हें मजबूर होकर अपने घर के लिए निकलना पड़ा। उसने आगे बताया कि अफवाह उड़ रही है कि दिल्ली में खाना मिल रहा है और राशन मिल रहा है, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिल रहा। टोल फ्री नंबर पर या तो दूसरा नंबर दे दिया जाता है या नंबर बिजी रहता है। इसलिए टोल फ्री नंबर से भी सेवाएं नहीं मिल रही।
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मजदूरों ने बताया कि दिल्ली से निकले 4 दिन हो चुके हैं पुलिस कभी मारकर इधर भगा देती है, कभी उधर भगा देती है। दिल्ली पुलिस हरियाणा में खदेड़ देती है तो हरियाणा पुलिस दिल्ली में खदेड़ देती है। इसलिए हम दुर्गम रास्तों से होकर यहां तक 4 दिन में पहुंचे हैं। रास्ते में कोई तरस खाकर हमें खाने को दे देता है तो पेट भर जाता है। नहीं तो भूखे पेट ही चले जा रहे हैं। कोई घर जाने देता है, ना कोई खाने को देता है तो सरकार यह ही बता दें कि कहां जाकर हम लोग अपना प्राण त्यागे । प्रयागराज, सिद्धार्थनगर और बिहार सहित कई जिलों के लोग अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। बागपत जनपद के खेकड़ा स्थित पाठशाला पर भी रात के वक्त काफी संख्या में मजदूर पहुंचे, लेकिन बागपत प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की।
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स्थानीय लोगों ने ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था की। वहीं, बड़ा गांव स्थित इन मजदूरों के लिए भी प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिला। इनके लिए भी बड़ा गांव के किसानों ने ही खाने-पीने की व्यवस्था की। यह सभी मजदूर दिल्ली और हरियाणा राज्य से भगाए गए हैं, जो बागपत तक पहुंचे हैं और अपने घर जाने की अपील कर रहे हैं। वहीं, एसडीएम राजपाल सिंह का कहना है कि मजदूरों के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है।