एनजीटी जारी कर चुका है आदेश दरअसल, एनजीटी द्वारा बागपत में वायु और जल प्रदूषण को लेकर पहले ही आदेश जारी हो चुके हैं। ऐसी फैक्ट्रियों को बंद करने के लिए एनजीटी ने सख्त निर्देश दिए हैं, जिनसे जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण हो रहा है। ऐसी किसी भी फैक्ट्री को जनपद में चलने की इजाजत एनजीटी नहीं देना चाहता। इसको लेकर डीएम बागपत को निर्देशित किया जा चुका है कि भड़क गांव की 87 ऐसी फैक्ट्रियों को बिल्कुल बंद कर दिया जाए, जिनसे जल प्रदूषण हो रहा है। इनका संचालन जनहित में ठीक नही है। इसके साथ ही एनजीटी ने इन फैक्ट्रियों पर 50 लाख से अधिक का जुर्माना भी लगाया है। इसके बावजूद अभी तक ना तो फैक्ट्रियों से जुर्माना वसूला गया है और ना ही इनको सीज किया गया है।
प्रदूषण बोर्ड से नहीं मिला प्रमाणपत्र इतना ही नहीं बागपत और खेकड़ा तहसील में 100 से अधिक ऐसी फैक्ट्रियां लगाई गई हैं, जो कपड़े रंगाई का कार्य कर रही हैं। दिल्ली और शाहदरा से स्थानांतरण होकर आई ये फैक्ट्रियां बागपत में बड़े पैमाने पर जल प्रदूषण का कारण बनी हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनके पास न तो जल प्रदूषण बोर्ड से ही प्रमाणपत्र मिला हुआ है और न ही जिला प्रशासन के पास इनका कोई लेखाजोखा है। हाल ही में एसडीएम खेकड़ा पुलकित गर्ग ने प्रदूषण कर रही एक फैक्ट्री को सीज किया था। इस पर कार्रवई के लिए प्रदूषण विभाग को भी लिखा गया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। ताजा मामला नूरपुर गांव का है, जहां जल प्रदूषण कर रही एक फैक्ट्री पर एसडीएम और तहसीलदार ने छापेमारी की थी। एसडीएम के आदेश के बाद भी प्रदूषण विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सका है।
प्रदूषण विभाग के पास स्टाफ की कमी इस बारे में एसडीएम खेकड़ा पुलकित गर्ग का कहना है कि उनके द्वारा तो कार्रवाई कर दी जाती है लेकिन इसकी जिम्मेदारी प्रदूषण विभाग की है, जो अपना कार्य ईमानदारी से नहीं कर पा रहा है। वहीं, प्रदूषण विभाग के जेई एसपी सिंह का कहना है कि उनके पास स्टाफ की कमी है। वह जल्द की बागपत पहुंचकर ऐसी फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करेंगे।
87 फैक्ट्रियां कर रही जल प्रदूषण प्रदूषण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बागपत में 87 फैक्ट्रियां जल प्रदूषण कर रही हैं। इन पर जुर्माना लगाया जा चुका है। वहीं, इस प्रदूषण के कारा जिले के करीब 57 गांव प्रभावित हैं।