अग्निपथ के सवाल पर बसपा विधायक ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय जल्दबाजी में लिया और नौजवानों पर थोपने का काम किया लेकिन नौजवानों को हिंसा नहीं करनी चाहिए। सरकार को इसपर पुर्नविचार करना चाहिए। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच जा रहे है तो केवल एक ही बात लोग कह रहे है कि क्या समाजवादी पार्टी और भाजपा के पास इस आजमगढ़ का कोई नेता नहीं था जिसे टिकट दिया जा सके।
उन्होने कहा कि वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद चुने गये, उनकी सरकार प्रदेश में थी बावजूद वे ऐसा कोई काम नहीं किये जिसे याद किया जाय। यही हाल वर्ष 2019 में हुआ अखिलेश जी यहां से सांसद चुने गये लेकिन बीच में ही आजमगढ़ को छोड़कर भाग गये। कुछ ऐसा ही हाल भाजपा का भी है। उन्होने भी लोकल कार्यकर्ता और नेता को छोड़कर दिनेश लाल यादव निरहुआ को लेकर आये। इससे लोग काफी मर्माहत हैं। यही नहीं उनके प्रत्याशी शाह आलम गुड्डू जमाली को विधानसभा चुनाव में अपने पाले में अखिलेश यादव ने लिया लेकिन उन्हे अपमान सहना पड़ा। जनता सब समझ रही है।
विधायक ने कहा कि शाह आलम ने कोरोना जैसी महामारी में अपने जिले के लोगों के लिए दिल खोल कर उनके साथ थे। उनकी हर तरह से मदद भी की । इसलिए लोग बसपा के साथ है और बसपा उप चुनाव को जीतने जा रही है। उमाशंकर सिंह ने कहा कि बसपा उप चुनाव नहीं लड़ती लेकिन तमाम संगठनों के लोगों के आग्रह पर बसपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी उतारा है। पूर्वाचल बीएसपी का गढ है और आजमगढ़ विशेष तौर से हमार गढ़ रहा है। जिले में विभिन्न दलों में लोग बसपा से होकर गये है। बसपा नर्सरी रही है और आजमगढ़ भी बसपा की नर्सरी है।
उमाशंकर सिंह ने कहा कि भाजपा और सपा दोनों के लोग कह रहे है बसपा से लड़ाई है। ये लोग दूसरे और तीसरे के लिए लड़ रहे है लेकिन मेरा मानना है कि सपा तीसरे नम्बर पर है। उमाशंकर सिंह ने दावा किया धर्मेन्द्र यादव का वोट बैंक यादव भी उनके साथ नही ंहै । कारण कि अगर धर्मेन्द्र यादव यहां जीते तो आजमगढ़ उनकी हमेशा के लिए सीट हो जायेगी और फिर यहां के नेता संसद का मुंह नहीं देख पायेगे। सपा के सीनियर लीडर खुद विरोध में है और भीतरघात कर रहे है। उन्होने कहा कि भाजपा की बी टीम समाजवादी पार्टी है, क्योकिं समाजवादी पार्टी अपना वोट मांगने के बजाय वह केवल बसपा को भाजपा की बी टीम प्रचारित करती रहती है। ताकि बीएसपी के साथ अल्पसंख्य जुड़ने न पाये। क्योकिं अखिलेश यादव को यह पता है कि अगर अल्पसंख्य बसपा से जुडे तो फिर बसपा को पकड़ पाना आसान नहीं होगा। बसपा विधायक ने दावा किया कि अगर भाजपा को वर्ष 2024 में दिल्ली में जाने से रोकना है तो अल्पसंख्यक बसपा के साथ आये। इसलिए बसपा ने इस बार शाह आलम को मैदान में उतारा है।
उमाशंकर सिंह ने कहा कि सपा के नेता आजम खां आये थे। उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया कि इस चुनाव में न तो किसी की सरकार बन रही है और न ही बिगड़ रही है। इसमें हमकों अपनी ताकत दिखानी है। तो ताकत कहा दिखाओगे। ताकत शाह आलम के साथ जाने पर दिखाई देगी। अग्निपथ के होते विरोध पर उमाशंकर सिंह ने कहा कि सरकार को कोई भी निणर्य जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। इसको लेकर सदन में सरकार को आना चाहिए था। सारे नेताओ के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया होता तो आज यह स्थिति नहीं होती। उन्होने कहा कि युवाओं को हिंसा नही करनी चाहिए। बल्कि मजबूत विरोध शांति पूर्वक ढंग से करना चाहिए और अपनी ताकत दिखानी चाहिए।