बता दें कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष की घेरेबंदी से बीजेपी परेशान है। वहीं दूसरी तरफ अपने भी लगातार मुसीबत बढ़ा रहे हैं। बीजेपी ने किसी तरह सुभासपा और अपना दल को साध लिया है लेकिन अब आजमगढ़ में पार्टी की मुसीबत बढ़ती जा रही है। बाहुबली रमाकांत यादव ने वर्ष 2009 में पहली बार यहां बीजेपी का खाता खोला था लेकिन वे 2014 का लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह से हार गए था। पिछले दो साल में रमाकांत यादव गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध कर पार्टी में हासिए पर चले गए है। इसके बाद भी विकल्प के आभाव में बीजेपी ने रमाकांत का टिकट लगभग फाइनल कर दिया था लेकिन रमाकांत यादव सपा में जाने का प्रयास करते रहे है। अबू आसिम, प्रोफेसर राम गोपाल यहां तक कि अखिलेश यादव से भी उनकी मीटिंग हो चुकी है लेकिन मुलामय सिंह की नाराजगी के कारण उन्हें सपा में जगह नहीं मिल पाई है।
अब चर्चा है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे है। बीजेपी आज भी रमाकांत को ही अपना प्रत्याशी मान रही है लेकिन रमाकांत यादव दो दिन से लखनऊ में हैं। रमाकांत के करीबी सूत्रों की माने तो अखिलेश ने रमाकांत से साफ कर दिया है कि वो खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ेगे। उन्होंने बाहुबली से सहयोग भी मांगा है लेकिन पार्टी में वापसी अथवा कहीं से टिकट पर कोई बात नहीं बनी है। सूत्र मानते हैं कि अगर अखिलेश यहां आते हैं तो रमाकांत यादव आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़ेगे और वे पड़ोसी जनपद जौनपुर से टिकट मांग सकते है। कारण कि रमाकांत यादव अखिलेश यादव को नाराज नहीं करना चाहते ताकि भविष्य में उनके लिए सपा का दरवाजा बंद न हो। अगर ऐसा होता है और बाहुबली आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़ते तो बीजेपी के लिए मजबूत विकल्प तलाशना आसान नहीं होगा।