वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी दुर्गेश श्रीवास्तव के मुताबिक यह वारदात 23 जून साल 2002 की है | जब मवई ( Mawai ) थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली 15 साल की नाबालिग बेटी भैंस चराने के लिए गई थी | लेकिन देर शाम तक वह घर वापस नहीं पहुंची उसके बाद जब परिवार के लोगों ने उसकी तलाश शुरू की तो किशोरी का शव गांव के ही विजय कुमार मिश्रा के गन्ने के खेत में पाया गया | जिसके बाद मृतक नाबालिक लड़की की मां ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज कराया था |
जब पुलिस ने इस मामले में विवेचना की तो वारदात को अंजाम देने की में शामिल ओम प्रकाश उर्फ बबलू दीक्षित और अनिल कुमार का नाम सामने आया | इसके बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला ( Law science laboratory ) की रिपोर्ट में किशोरी के कपड़ों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि किशोरी के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई | फिलहाल 17 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है | इस मामले में आरोपी बनाए गए दो दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास और दोनों पर ₹35000 प्रति के हिसाब से जुर्माने की सजा सुनाई है |