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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अयोध्या में पनप रही है ऐसी आबोहवा जिस से मजबूत हो रही दोनों सम्प्रदायों के रिश्तों की डोर रामलला विराजमान के अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट में दी दलील मस्जिद बनाने के लिए तोड़ा गया हिन्दुओं का मंदिर मंगलवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विवादित स्थल पर एक मंदिर ( Ram Mandir ) ही था . 12 वीं सदी के शिलालेख के अनुसार पत्थर की जिस पट्टी पर संस्कृत का यह लेख लिखा है, उसे विवादित ढांचा विध्वंस के समय एक पत्रकार ने गिरते हुए देखा था . जिसमें साकेत के राजा गोविंद चंद का नाम है साथ ही उस पर लिखा है कि यह विष्णु मंदिर ( Vishnu Mandir ) में लगी थी . यह भी बताया गया कि 115 सेंटीमीटर लंबाई और 55 सेंटीमीटर चौड़ा शिलालेख 4 सप्ताह तक राम कथा कुंज में रखा रहा . यह मस्जिद ढहने के बाद मिला इस पर विपक्ष की ओर से कोई आपत्ति नहीं जताई गई है .
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गंगा जमुनी तहजीब : हांथों में तिरंगा लिए राम मंदिर निर्माण कार्यशाला पहुंचे मुस्लिम समुदाय के लोग फिर जो हुआ उसे देखकर आम श्रद्धालु भी हुए हैरान अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कोर्ट से कहा वशेषों की वैज्ञानिक पड़ताल के बाद एसआईटी रिपोर्ट मौके से मिले सबूत से शंका या विवाद की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती जिरह के दौरान संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि क्या यह सब एएसआई द्वारा एकत्र किया गया था . जिस पर रामलला विराजमान के अधिवक्ता वैद्यनाथन ने कहा कि ये एएसआई की रिपोर्ट में शामिल नहीं था . एएसआई काफी बाद में आई थी ,सीएस वैद्यनाथन ने एएसआई का रिपोर्ट का हवाला देते हुए मगरमच्छ कछुओं का जिक्र किया और कहा कि इनका मुस्लिम कल्चर से कोई मतलब नहीं था . वैद्यनाथन ने कहा खुदाई से मिले अवशेषों की वैज्ञानिक पड़ताल के बाद एसआईटी रिपोर्ट मौके से मिले सबूत से शंका या विवाद की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती यह सब 11 वीं सदी के दौरान ही निर्मित हैं .